किसानों की आत्महत्या पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट...

Webdunia
गुरुवार, 6 जुलाई 2017 (14:30 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने फसल बीमा योजना जैसी किसान समर्थक योजनाओं के प्रभावी नतीजे आने के लिए कम से कम एक साल के समय की आवश्यकता संबंधी केन्द्र की दलील से सहमित व्यक्त करते हुए गुरुवार को कहा कि किसानों के आत्महत्या के मामले को रातोंरात नहीं सुलझाया जा सकता है।
 
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की पीठ ने कहा, 'हमारा मानना है कि किसानों के आत्महत्या के मसले से रातोंरात नहीं निबटा जा सकता है। अटार्नी जनरल की ओर से प्रभावी नतीजों के लिए समय की आवश्यकता की दलील न्यायोचित है।'
 
पीठ ने केन्द्र को समय देते हुए गैर सरकारी संगठन सिटीजन्स रिसोर्स एंड एक्शन इनीशिएटिव की जनहित याचिका पर सुनवाई छह महीने के लिए स्थगित कर दी।
 
केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने राजग सरकार द्वारा उठाए गए किसान समर्थक तमाम उपायों का हवाला दिया और कहा कि इनके नतीजे सामने आने के लिए सरकार को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि 12 करोड़ किसानों में से 5.34 करोड़ किसान फसल बीमा सहित अनेक कल्याणकारी योजनाओं के दायरे में शामिल हैं। उन्होने कहा कि फसल बीमा योजना के अंतर्गत करीब 30 फीसदी भूमि है और 2018 के अंत तक इस आंकड़े में अच्छी खासी वृद्धि हो जाएगी।
 
न्यायालय ने शुरू में कहा कि किसानों की आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हो रही है परंतु बाद में वह सरकार की दलील से सहमति हो गया और उसे समय प्रदान कर दिया।
 
इस बीच, पीठ ने केन्द्र से कहा कि वह किसानों के आत्महत्या के मामले से निबटने के उपाय करने के बारे में गैर सरकारी संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्सालिवज के सुझावों पर विचार करे।
 
न्यायालय गुजरात में किसानों के आत्महत्या के मामले बढ़ने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। बाद में न्यायालय ने इसका दायरा बढ़ाकर अखिल भारतीय कर दिया था। (भाषा)
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख