नई दिल्ली। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के 1984 के दिल्ली सिख दंगों के एक मामले में उम्रकैद सजायाफ्ता कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली और न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया। 75 वर्षीय दिल्ली कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व सांसद सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली हुई है और वे मंडोली जेल में बंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया और कहा कि उनकी जमानत याचिका पर न्यायालय में सुचारु रूप से कामकाज शुरू होने पर ही सुनवाई की जा सकती है।
सज्जन कुमार ने अपनी उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर मार्च में ही जमानत का अनुरोध किया था। न्यायालय ने उन्हें अस्पताल में रखे जाने का आग्रह भी नहीं स्वीकार किया।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में उनके सुरक्षा गार्डों के हत्या के बाद दिल्ली समेत देशभर में सिखों के खिलाफ हिंसा भड़की थी। इन्हीं दंगों के एक मामले में पिछले साल दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने निचली अदालत के आदेश को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य को दोषी करार दिया था। इस मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद मिली थी।
उच्चतम न्यायालय ने सज्जन कुमार को जमानत देने से इंकार करते हुए कहा कि उनकी चिकित्सा रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके स्वास्थ्य को देखते हुए फिलहाल उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है।(वार्ता)