Supreme court on encounters in UP : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य में पिछले 6 साल में हुए 183 एनकाउंटरों की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि इनमें से कितने मामले संदिग्ध पाए गए। उनमें किन लोगों की गिरफ्तारी हुई और इस समय मुकदमों की क्या स्थिति है? कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है।
जस्टिस एस रविंद्र भट व जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि अगर जेल में या पुलिस हिरासत में रहते किसी की हत्या हो तो यह व्यवस्था में लोगों के विश्वास को कमजोर करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन मामलों में पुलिस की भी भूमिका हो सकती है। अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि अतीक की हत्या करने वालों को कैसे पता था कि उसे कहां ले जाया जा रहा है? हालांकि कोर्ट ने साफ किया है कि वह किसी एक मामले पर सुनवाई करने के बजाय भविष्य के लिए दिशानिर्देश बनाने पर विचार करेगा।
कोर्ट ने पूछा कि अतीक के 2 नाबालिग बेटों को न्यायिक हिरासत में क्यों रखा गया है? वो किसी अपराध में शामिल नहीं तो उन्हें उनके रिश्तेदारों को क्यों नहीं सौंपा जा रहा?
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि एनकाउंटर की निगरानी की क्या व्यवस्था है? यूपी सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी और अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि 183 मुठभेड़ों में से 144 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल हो चुकी है।