नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गार्गी महिला कॉलेज में सांस्कृतिक उत्सव के दौरान छात्राओं के साथ कथित छेड़छाड़ के मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से गुरुवार को इंकार कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ ने याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा को उच्च न्यायालय जाने को कहा। शर्मा मामले की तत्काल सुनवाई की मांग कर रहे थे। पीठ ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं।
शर्मा से पीठ ने कहा कि आप दिल्ली उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते? अगर वह याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दे, तब यहां आएं। शीर्ष अदालत ने कहा कि वे इस मामले पर दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख जानना चाहते हैं। शर्मा ने मामले से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट किए जाने का संदेह जाहिर किया था।
इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय इस पर तेलंगाना उच्च न्यायालय जैसा फैसला दे सकता है जिसमें उसने पुलिस मुठभेड़ मामले के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को सुरक्षित रखने को कहा था।