नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा-66 ए प्रावधान को रद्द करने के बाद इसके तहत दर्ज मामले को बंद करना राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का प्राथमिक कर्तव्य है।
केंद्र सरकार ने कहा कि हालांकि 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर शीर्ष अदालत द्वारा 2015 में रद्द किए गए इस कानून के फैसले के अनुपालन की सूचना दी है।
राज्य सरकारों के तहत कानून का पालन करने वाली एजेंसियों को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि आईटी एक्ट की धारा-66ए के तहत कोई नया मामला दर्ज न हो।