PFI धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ने में शामिल, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा

Webdunia
बुधवार, 28 सितम्बर 2022 (20:46 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (PFI) देश के सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ने में शामिल था। इसके सदस्यों की गतिविधियों की निगरानी करने वाले अधिकारियों के मुताबिक, यह संगठन अपनी कट्टरपंथी विचारधारा के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा था।

अधिकारियों ने बुधवार को यह बात कही। पीएफआई और इसके सदस्यों की गतिविधियों की निगरानी करने वाले अधिकारियों के मुताबिक, यह संगठन अपनी कट्टरपंथी विचारधारा को आगे बढ़ाकर भारत में इस्लामी प्रभुत्व स्थापित करने की मंशा के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पीएफआई हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहा था।

अधिकारियों के मुताबिक, ‘हिट स्क्वॉड’ की तरह एक गुप्त ‘सर्विस टीम’ का गठन किया गया था, जिसका मुख्य कार्य पीएफआई के वरिष्ठ नेताओं को सुरक्षा प्रदान करना और अपने क्षेत्रों में हिंदूवादी नेताओं की निगरानी कर उनके खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाना था।

उन्होंने आरोप लगाया कि पीएफआई गुप्त रूप से सैन्य अभ्यास जैसे प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित करता है, जहां प्रतिभागियों को कुछ धार्मिक समूहों के खिलाफ बल और हिंसा का प्रयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और उन्हें इस्लाम के दुश्मन के रूप में पेश किया जाता है।

अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अपने गठन के बाद से ही पीएफआई हिंदू संगठनों और उसके नेताओं के खिलाफ रहा है और पीएफआई के पास एक गुप्त हमलावर दस्ता है, जो हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं और कथित रूप से ईशनिंदा में शामिल लोगों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याओं में शामिल है।

पीएफआई पर सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार में शामिल होने और भारत में मुसलमानों को सताए जाने की कहानी गढ़ने का आरोप है। इसने कथित तौर पर मार्च 2019 से दिसंबर 2020 के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने में अहम भूमिका निभाई थी और इसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे।

अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली दंगे के मामले में भी संगठन की भूमिका को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच की थी। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को कर्नाटक के बेल्लारी शहर में हुई प्रवीण नेट्टारू की हत्या उन मामलों में से एक थी, जिसने पीएफआई के हिंसक चरित्र को उजागर किया। नेट्टारू भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य थे।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Marathi row : बिहार आओ, पटक-पटककर मारेंगे, मराठी भाषा विवाद में BJP सांसद निशिकांत दुबे की राज ठाकरे को धमकी

Video : 15 फुट लंबे किंग कोबरा को 6 मिनट में महिला वन अधिकारी ने बचाया, वीडियो देख खड़े हो जाएंगे रोंगटे

Chirag Paswan : बिहार में NDA की परेशानी को क्यों बढ़ा रहे हैं मोदी के 'हनुमान', कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश पर निशाना

Bihar : पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 सदस्यों की हत्या, 250 लोगों ने डायन बताकर परिवार को मारा

सऊदी अरब में मृत्युदंड रिकॉर्ड स्तर पर, जानिए कितने लोगों को दी फांसी

सभी देखें

नवीनतम

नीतीश सरकार का चुनावी दांव, सीधी भर्ती में महिलाओं 35 फीसदी आरक्षण

UP से बंगाल तक भारी बारिश का अलर्ट, क्या है राजस्थान में मौसम का हाल?

वीजा पर चीन का बड़ा फैसला, 74 देशों के नागरिकों को मिलेगा फायदा

ट्रंप ने 14 देशों पर फोड़ा टैरिफ बम, 2 मित्र राष्‍ट्रों पर कितने टैक्स की मार?

बागेश्वर धाम के पास बड़ा हादसा, छत गिरने से 1 श्रद्धालु की मौत

अगला लेख