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सुषमा को आलू और गोभी के पराठे पसंद थे, 'दीदी' के निधन से भावुक हुए रसोइया उग्रसेन

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विशेष प्रतिनिधि

भोपाल। पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज के असमय निधन से मध्यप्रदेश में शोक की लहर है। इस दौरान सुषमा की खातिरदारी करने वाले उनके रसोइया उग्रसेन बेहद दुखी हैं। सुषमा 2009 से 2019 तक मध्यप्रदेश के विदिशा संसदीय सीट से सांसद चुनी गई थीं। इस बार स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था।

सुषमा जब भी अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आती थीं तो भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित बंगले पर रुकती थीं। इस दौरान सुषमा की खातिरदारी करने वाले उनके रसोइया उग्रसेन बेहद दुखी हैं। उग्रसेन बताते हैं कि दीदी उनको अपने बेटे की तरह मानती थीं और बहुत ही फिक्र करती थीं। भोपाल आने पर दीदी उनके परिवार और बच्चों को खूब प्यार और दुलार करती थीं और बेटे की तरह उनको प्यार करती थीं।

उग्रसेन कहते हैं कि दीदी को खाने में आलू और गोभी के पराठे और करेले की सब्जी बहुत पसंद थी। इसके साथ ही सुषमा सुबह चाय के साथ बादाम लेती थीं। उग्रसेन कहते थे कि अपने पालतू कुत्ते मोती से वे बहुत प्यार करती थीं और अपने हाथों से खिलाती थीं। दीदी के निधन की खबर लगते ही उग्रसेन उनके अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं।

विदिशा में भी शोक की लहर : सुषमा के अचानक चले जाने से उनका संसदीय क्षेत्र रहे विदिशा में हर कोई दु:खी है। सुषमा के सांसद रहते हुए उनके बहुत करीबी रहने वाले भाजपा नेता मुकेश टंडन कहते हैं कि उनको यकीन ही नहीं हो रहा कि दीदी अब उनके बीच नहीं रहीं।

मुकेश टंडन कहते हैं कि दीदी ने विदिशा के विकास के बहुत से ऐसे काम किए जिसके चलते वे यहां के लोगों में हमेशा जीवित रहेंगी। विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा जब काम की अधिकता के चलते बहुत व्यस्त भी रहती थीं तब भी वे विदिशा के लोगों से मिलने के लिए हमेशा उत्सुक रहती थीं।

विदिशा से सांसद के रूप में 2 कार्यकाल पूरा करने वालीं सुषमा आखिरी बार इसी साल फरवरी में आई थीं, तब उन्होंने विदिशा को दिया हर वचन पूरा करने की बात कही थी।

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