हैदराबाद। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि करतारपुर गलियारा पहल का पाकिस्तान के साथ बातचीत से कोई लेना-देना नहीं है और पाकिस्तान जब भारत में आतंकवादी गतिविधियां बंद कर देगा तभी उससे बातचीत शुरू होगी।
भारत इस गलियारे की लंबे समय से मांग करता रहा है, जिससे भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक आ जा सकें। स्वराज ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पाकिस्तान ने पहली बार सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, 'लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस कदम भर से द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो जाएगी। आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती।'
विदेश मंत्री तेलंगाना में सात दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले प्रचार के लिए यहां हैं और वह संवाददाताओं को संबोधित कर रहीं थीं।
उन्होंने कहा, 'जिस क्षण पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियां बद कर देगा, बातचीत शुरू हो सकती है लेकिन बातचीत केवल करतारपुर गलियारे से जुड़ी नहीं है।'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को अपने देश में इस गलियारे की आधारशिला रखेंगे। इस गलियारे के छह माह के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। (भाषा)