नई दिल्ली। अब 'अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे' कहावत को चरितार्थ करते हुए अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भारत से कमर्शियल फ्लाइटें फिर से शुरू करने की मांग की है। पत्र लिखकर इस्लामिक अमीरात ने डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) को काबुल के लिए कमर्शियल फ्लाइट्स फिर से शुरू करने की मांग की है। भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस पत्र की समीक्षा कर रहा है। अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात घोषित होने के बाद यह उसकी ओर से पहली आधिकारिक बातचीत की पहल है।
15 अगस्त के बाद काबुल के लिए भारत ने सभी कमर्शियल फ्लाइटों का संचालन बंद कर दिया था। वहां से भारतीय नागरिकों को लाने के लिए बचाव मिशन के तहत सिर्फ कुछ विशेष विमानों को ही काबुल एयरपोर्ट जाने की इजाजत मिली थी। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इधर केंद्रीय डीजीसीए ने शेड्यूल्ड अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों पर प्रतिबंध को 31 अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला लिया है।
डीजीसीए ने बुधवार को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा कि यह प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय ऑल-कार्गो संचालन और विशेष रूप से नियामक द्वारा अनुमोदित उड़ानों पर लागू नहीं होगा। डीजीसीए ने कहा कि शेड्यूल्ड अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मामले के आधार पर चयनित मार्गों पर अनुमति दी जा सकती है। केंद्र सरकार ने पिछले साल 23 मार्च को कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था।