चमोली। आपदा प्रभावित रैणी तपोवन क्षेत्र में सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया रेग्यूलर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण कर रही है। रेस्क्यू कार्यों की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि तपोवन टनल के भीतर से पानी को पम्प से निकाला जा रहा है ताकी टनल में आगे से मलबे की निकासी की जा सके।
तपोवन बैराज साइट पर भी दलदल को साफ करने के लिए सक्शन पम्प लगाए जा चुके हैं। यहां बैराज में एनडीआरएफ की टीम द्वारा मैन्यूअली सर्च किया गया। यहा पर सूखी साइड पर भी एक्सावेटर मशीन लगाकर सर्च किया जाएगा।
रैणी साइट में भी सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। यहां पर ऋषि गंगा के दूसरी साइड रैणी चकलाता गांव के नीचे एक्सावेटर मशीन से मलबा साफ कर लापता लोगों की तलाश की जा रही है। साथ ही ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के बैराज तथा टनल के ऊपरी क्षेत्र में फैले मलबे से भी लापता लोगों की खोजबीन जारी है। नदी के तटीय क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीम के माध्यम से तलाश जारी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा में लापता 206 लोगों में से अभी तक 58 लोगों के शव विभिन्न स्थानों से बरामद हुए हैं। साथ ही 2 लोग पहले जिंदा मिले थे। अब 146 लोग लापता चल रहे हैं जिनकी तलाश जारी है। अभी तक 31 लोगों की शिनाख्त हो चुकी है। आज बुराली गांव के पास एक मानव अंग बरामद हुआ। अब तक कुल 26 मानव अंग बरामद हुए हैं।
बुधवार को 1 पूर्ण शव और 2 मानव अंगों का नियमानुसार 72 घंटे बाद अंतिम दाह संस्कार किया गया।
जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राशन किट, मेडिकल एंव अन्य रोजमर्रा की जरूरतों के साथ मूलभूत सुविधाएं भी बहाल की जा चुकी है। प्रभावित परिवारों में अब तक 548 राशन किट, 45 सोलर लाइट बांटे गए। अब तक कुल 1797 लोगों का उपचार किया जा चुका है।
जिला प्रशासन ने राहत शिविरों में आज तक 6109 लोगों को भोजन कराने के साथ साथ चाय, पानी बिस्किट, फल आदि की भी समुचित व्यवस्था की है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने जोशीमठ लाल बाजार स्थित एचसीसी कार्यालय में आईआरएस के नोडल अधिकारियों के साथ रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने बताया गया कि तपोवन में बैराज साइट पर इंटेक्ट एडिट टनल के ऊपरी साइड से भी पम्प लगाकर दल-दल को सूखाने के बाद एक्साबेटर मशीन लगाकर दोनों साइड से लापता लोगों को सर्च कार्य शुरू किया गया है। साथ ही आपदाग्रस्त क्षेत्रो मे सेनेटाइजेशन पर फोकस करते शुद्ध पेयजल हेतु क्लोरिनेशन करने और जहां भी मृत पशु दफनाए गए हैं, उन स्थानों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिडकाव कराने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिए गए। बैठक में तपोवन टनल में चल रहे रेस्क्यू कार्यों की भी समीक्षा की गई।
पुलिस अधीक्षक यशवंतसिंह चौहान, डीसी एनडीआरएफ आदित्य प्रताप सिंह, एसडीआरएफ अजय भट्ट, लेफ्टिनेंट कर्नल विवेक सिंह, एजीएम एनटीपीसी आर एन सहाय, डीजीएम उमेश कुमार, सीएमओ डॉ. जीएस राणा, सीवीओ शरद भंडारी, सीएचओ तेतपाल सिंह, आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
एनडीएमए की वैज्ञानिकों के साथ बैठक : राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए.) सदस्य सैय्यद अता हसनेन व राजेन्द्र सिंह की संयुक्त अध्यक्षता में देशभर के महत्वपूर्ण तकनीकी और अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संयुक्त बैठक हुई। इसमे वैज्ञानिकों ने जनपद चमोली में आई प्राकृतिक आपदा तथा उत्तराखंड में आने वाली अन्य आपदाओं से बेहतर तरीके से निपटने की रणनीति और विभिन्न संस्थानों के बेहतर समन्वय से विकास और पर्यावरण के मध्य संतुलन स्थापित करने के सम्बन्ध में सुझाव दिए।
तय किया गया कि विभिन्न संस्थानों की एक संयुक्त कमेटी बनाकर हिमालय में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम और पर्यावरण के संरक्षण के लिए गहन अध्ययन करते हुए उत्तराखंड सरकार को अपनी रिपोट प्रस्तुत करें। साथ ही प्राकृतिक आपदा के निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार को हर तरह की तकनीक व अन्य प्रकार की मदद दी जाएगी।