जम्मू। अगर सोशल मीडिया पर उपलब्ध सैंकड़ों की संख्या में ताजा संदेशों, फोटो और वीडियो पर यकीन करें तो इन सर्दियों में चीन और भारत के बीच एलएसी पर सशस्त्र टकराव होकर रहेगा है। यह टकराव अरूणाचल प्रदेश और लद्दाख सीमा पर हो सकता है।
ट्विटर आदि सोशल मीडिया पर चीनी सेना के युद्धाभ्यासों की कई वीडियो हाल ही में अपलोड हुई हैं। इनमें लाल सेना की ताकत का गुणगान करते हुए कहा जा रहा है कि चीनी सेना लद्दाख से लेकर तेवांग तक के उन सभी इलाकों को इन सर्दियों में भारतीय सेना से खाली करवा लेगी जिन पर उसने पिछले 20 सालों से कब्जा कर रखा है।
कई चीनी वेबसाइटें भी इसके प्रति दावा करने से पीछे नहीं हटती कि करीब 10 से अधिक चीनी सेना के ब्रिगेड एलएसी पर अत्याधुनिक और भारतीय सेना को चौंका देने वाले हथियारों के साथ कूच कर गए हैं और वे एलएसी पर उन स्थानों पर काबिज हो जाएंगें जहां अक्सर भारतीय सेना पहले पहुंच जाती है।
अगर इस संदेशों, फोटो, वीडियो और वेबसाइटों पर लिखे जा रहे लेखों को ध्यान से पढ़ें और देखें तो यह सब मनोवैज्ञानिक युद्ध का ही हिस्सा है। यही नहीं चीन समर्थकों ने इस प्रोपोगंडा के तहत अब सोशल मीडिया पर गलवान वैली की झड़पों की उन तस्वीरों की भी बाढ़ ला दी है जिनमें कथित तौर पर चीनी सेना ने भारतीय जवानों को बंधक बना कर रखा था।
हालांकि इतना जरूर सच्चाई लिए हुए है कि भारतीय सेना को यह आशंका है कि चीनी सेना इन सर्दियों मंे भी लद्दाख सीमा से नहीं हटेगी और वह इस बार आक्रामक मूड में है। इसकी पुष्टि भारतीय सेनाध्यक्ष भी कर चुके हैं।