नई दिल्ली। आतंकवादियों को धन मुहैया किए जाने के मामले में लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख एवं मुंबई हमलों के सरगना हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन और अन्य के खिलाफ एनआईए के आरोप पत्र का यहां एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को संज्ञान लिया।
इन लोगों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने और कश्मीर घाटी में संकट खड़ा करने का आरोप लगाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण शेरावत ने आतंकरोधी जांच एजेंसी को आरोपियों को आरोप पत्र की प्रतियां सौंपने का निर्देश दिया और दस्तावेजों की छानबीन के लिए विषय आठ मार्च के लिए तय कर दिया।
इसने स्वतंत्र फोटो पत्रकार कामरान युसूफ की जमानत याचिका पर सुनवाई 15 फरवरी के लिए निर्धारित कर दी। कथित पथराव और अन्य अपराधों को लेकर युसूफ को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने आरोप लगाया है कि युसूफ जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों को धन मुहैया करने वालों के लिए काम कर रहा था।
जांच एजेंसी ने 12,794 पन्नों के आरोप पत्र और संलग्नक में यह आरोप भी लगाया है कि यहां पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी अलगाववादियों को कारोबारी जहूर वताली के मार्फत धन भेज रहे थे, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
एनआईए ने पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी सईद और सलाहुद्दीन के अलावा 10 अन्य को आपराधिक साजिश रचने, देशद्रोह और गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपित किया है। इसने बताया कि 60 स्थानों पर छापे मारे गए और 950 संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए। इस मामले में 300 गवाह हैं।
जांच एजेंसी ने इन लोगों के अलावा कट्टरपंथी पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अलताफ शाह उर्फ अलताफ फंटूश, बशीर अहमद भट और जावेद अहमद भट को भी नामजद किया है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता नईम अहमद खान, फारुक अहमद डार, मोहम्मद अकबर खांडे और राजजा मेहराजुद्दीन पर भी जांच एजेंसी ने आतंकवादियों को धन मुहैया कराने के मामले में आरोपित किया है।
सभी 10 गिरफ्तार आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। एनआईए ने आरोप पत्र में कहा है कि विदेश स्थित फर्जी कंपनियों के जरिए धन लाया गया और इसे जम्मू कश्मीर के हुर्रियत नेताओं के खातों में डाला गया। (भाषा)