श्रीनगर। श्रीनगर शहर के बाहरी हिस्से में आतंकवादियों ने सोमवार को संसद पर हुए हमले की बरसी पर जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस की बस पर गोलीबारी की। इस हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। इस बीच, हमले की जिम्मेदारी जैश के कश्मीर टाइगर ने ली है। वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि हमले शामिल आतंकियों को जल्द ही मार गिराएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने भी हमले की कड़ी निंदा की।
उन्होंने बताया कि यह घटना सोमवार शाम को पंथा चौक इलाके के जेवान में हुई। अधिकारियों ने बताया कि हमले में जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस की 9वीं बटालियन के कम से कम 14 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया और इनमें से दो की मौत हो गई।
जान गंवाने वालों में सशस्त्र पुलिस का एक सहायक उप-निरीक्षक भी शामिल है। अब तक हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। घटना से जुड़ी विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले पर सोमवार को ब्योरा मांगा और शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।
प्रधानमंत्री ने दुख जताया : प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले के संबंध में ब्योरा मांगा है। उन्होंने हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं भी प्रकट कीं।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस बस पर हुए कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं। शहीद हुए वीर पुलिसकर्मियों को मेरी श्रद्धांजलि। हम दोषियों को सजा दिलाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। शोकाकुल परिवारों को मेरी संवेदनाएं।
हमले की निंदा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
कश्मीर के हालात सामान्य नहीं : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पुलिसकर्मियों पर हुए हमले को दुखद करार देते हुए आरोप लगाया कि इससे केंद्र के कश्मीर में हालात सामान्य होने के झूठे बयान को उजागर कर दिया है।
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि ये कायराना हमला आतंकवादियों की हताशा को दर्शाता है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने भी आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि बिगड़ते सुरक्षा हालात को काबू करने के लिए सरकार को उपाय करने की जरूरत है।
13 दिसंबर 2001 को, आतंकवादियों ने संसद भवन परिसर पर हमला किया था जिसमें 9 लोग मारे गए थे। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में सभी पांचों आतंकवादियों को मार गिराया था।