The families of martyred soldiers will get lifetime health care : सीमाओं पर शहीद हुए जवानों के परिवारों को आजन्म स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी मेरठ की एक संस्था ने ली है। शहीदों के परिवारों की इस तरह से जिम्मेदारी लेने वाले संस्थान महावीर विश्वविद्यालय ने एक कार्यक्रम का आयोजन कर शहीदों की पत्नियों का सम्मान भी किया। सम्मान पाकर वीर नारियों की आंखें भर आईं और उन्होंने आयुर्वेद से जुड़े महावीर विश्वविद्यालय का शुक्रिया अदा किया।
देश की सरकार भी आयुर्वेद पद्धति को घर-घर पहुंचाने का जतन कर रही है। अब इस चिकित्सा प्रणाली का विदेशों में भी डंका बजने लगा है, कोरोना जैसी महामारी में आयुर्वेद चिकित्सा का सहारा लेकर स्वास्थ्य लाभ लिया गया। महावीर विश्वविद्यालय ने पूरे देश में अपने यहां तैयार किया गया काढ़ा उपलब्ध कराया। देश का युवा वर्ग भी आयुर्वेद संस्थानों से जुड़ गया है। महावारी यूनिवर्सिटी के युवा प्रबंध निदेशक तेजस भारद्वाज भी आयुर्वेद के प्रति समर्पित हैं।
उन्होंने बताया कि वह देश की सुरक्षा में अमर शहीदों की वीरांगनाओं और परिवार के लिए कुछ करने की इच्छा मन में रखते हैं। आर्मी से जुड़े दोस्तों से देश का मान बढ़ाने शहीदों के परिवार के बारे में सुना और देखा तो मन में विचार आया कि कुछ अलग से किया जाए। ऐसी ही वीर नारियों को दिल से दिल तक कैसे जोड़ा जाए, जिसके चलते महावीर यूनिवर्सिटी ने एक चिकित्सक कैंप पाइन सैनिक इंस्टीट्यूट में लगाया, जिसमें 2 दर्जन के आसपास वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहे, शहीदों के परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
देश की सुरक्षा के लिए दिन-रात एक करने वाले सैनिक परिवार अब महावीर यूनिवर्सिटी का अंग बन गए है, चिकित्सा कैंप में अब उनका स्वास्थ्य प्रोफाइल तैयार किया गया है, शहीदों की पत्नियां और उनके परिवार को अब जीवनभर आयुर्वेद द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा देने का बीड़ा उठाया गया है।
महावीर यूनिवर्सिटी और सेना के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से 50 उन वीरांगनाओं का सम्मान किया जिनके पति देश की सुरक्षा के लिए शहीद हो गए थे। 1968, 1971, 1975, 1980 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की पत्नी व्हीलचेयर या सेना के जवानों की मदद से इस सम्मान समारोह में पहुंचीं और खुद को गौरवान्वित महसूस किया। वहीं 250 के आसपास सैनिक परिवारों का नि:शुल्क परीक्षण, जांच और मेडिसिन वितरित की गई।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मेजर जनरल मनीष लूथरा, जनरल ऑफिसर कमांडिंग पाइन डिवीजन, ब्रिगेडियर अमित चांद, कर्नल कृष्ण कांत बाजपाई और विवि डायरेक्टर तेजस भारद्वाज रहे। तेजस ने कहा कि देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों की बदौलत आज भारतवासी आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं।
अमर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हम उन वीरांगनाओं का सम्मान कर रहे हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने पति और परिवार सबकुछ न्यौछावर कर दिया। अब ऐसे सैनिक परिवारों को स्वास्थ्य लाभ देना हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है। अभी हमने मेरठ कमिश्नरी से जुड़े शहीदों की पत्नियों का सम्मान किया है। ऐसे सैनिक जो देश के पहरी बनकर सीमा पर हैं, उनके परिवार अकेले रह रहे हैं, अब उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी हमारी (महावीर यूनिवर्सिटी) है। आने वाले समय में यह अभियान अन्य राज्यों तक पहुंचेगा।