Ayodhya's Rampath road became bad in the first rain : 'रामपथ' यह वह मार्ग है जिसे टू लेन से फोर लेन का चौड़ीकरण किया गया और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण कार्य के दौरान गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी से पहले ही पूर्ण कर लिया गया था। जिस रामपथ मार्ग का निर्माण हुए अभी कुछ ही महीने बीते हैं वह जून की पहली एक रात की बरसात भी न झेल सका और पूरे मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे होने लगे, सड़कें धंसने लगीं, इतना ही नहीं रामपथ मार्ग पर सीवर लाइन को शुरू किया ही नहीं गया और मार्ग के निवासियों के घर के नालियों, टैंको को जोड़ दिया गया।
जिसका परिणाम यह हो रहा है कि सीवर लाइन ओवरफ्लो हो रही है और गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। स्थित यह है कि रामपथ मार्ग पर आए दिन सड़क खोदकर सीवर का गंदा पानी बार-बार निकाला जा रहा है जिससे यातायात भी बाधित हो रहा है।
सीवर कर्मचारी ने बताया कि सीवर और चैंबर बना रहे हैं जिसे रामपथ वालों ने खुदाई करते समय तोड़ दिए। सीवर का काम जल निगम करता है, वह कहता है कि डैमेज होगा तो बनेगा ही। सीवर कर्मी ने बताया कि सीवर अभी चालू ही नहीं हुआ तो काम कहां से करेगा, उसने कहा, जो लोगों के घर को सीवर से कनेक्ट कर दिया गया है तो जगह-जगह ओवरफ्लो हो रहा है और अभी प्लांट बना ही नहीं है जिस कारण गंदा पानी घर में जाएगा ही और कहां जाएगा और कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं हुई है।
मिष्ठान्न व्यवसायी अशोक ने बताया कि बरसात वाली रात की सुबह जब हमने दुकान खोली तो मेरी दुकान में तीन फुट से अधिक पानी भरा हुआ था, काफी अधिक नुकसान हुआ। रामपथ के व्यवसायी जेडए खान ने बताया कि रामपथ बहुत ही जल्दबाजी में बना। कई ठेकेदारों ने मिलकर इसे बनाया है। जगह-जगह सड़क बैठती जा रही है। अभी एक ही बरसात हुई है तब यह हाल हैं, जब ज्यादा होगी तो क्या होग? सड़क पर गड्ढे हो जाने के कारण से जाम की समस्या हो गई है। लगता है कि सड़क चौड़ी करने से कोई फायदा नहीं हुआद्ध जाम की समस्या वही है। कब कहां बैठ जाए कोई पता नहीं है।
उन्होंने कहा कि सभी घर, दुकान सड़क से काफी नीचे हो गए हैं तो पानी तो भरेगा ही। सरदार परमजीत सिंह ने बताया कि रामपथ बना तो बहुत अच्छा है, इसमें कोई दो राय नहीं है और कार्य भी बहुत अच्छा हुआ है लेकिन बारिश का सीजन है इसलिए सड़कें बैठ रही हैं जिसे तेजी से ठीक भी कर रहे हैं। जब तेज बारिश होगी तब क्लीयर होगा। इस सड़क को बने छः महीने भी नहीं हुए, इतनी जल्दी रिपेयरिंग की स्थिति आ गई, किन्तु जिस कार्य को बड़ी तेजी से किया जाएगा तो उसमें कुछ न कुछ तो कमियां रह जाएंगी।
जेपी मिश्रा ने बताया कि रामपथ कि सड़क को बने अभी छः महीने भी नहीं हुए सड़क का बहुत बुरा हाल है, रोज एक न एक एक्सीडेंट हो रहे हैं, घरों में पानी जा रहा है, बड़ी समस्या है। आशुतोष ने बताया कि पहली बरसात के बाद ही सड़क पर कई जगह गड्ढे हो गए हैं जिससे काफी दिक्कतें हो रही हैं।
एडवोकेट एसए खान ने बताया कि रामपथ बना तो बड़ा ही अच्छा लेकिन जल्दी-जल्दी में योगी बाबा ने इसको बनवा दिया जो गड्ढा खोदा गया उसको न ठोका गया, न पीटा गया ऊपर से ही सड़क बना दी और एक बरसात में गड्ढा हो गया और कभी एक हफ्ता बरसात होगी तो पूरी सड़क ही धंस जाएगी, चलना मुश्किल हो जाएगा। सड़क के बीच में बने सीवर को न जाने कितनी बार खोदा जा चुका है जिसकी रिपेयरिंग भी सही तरह से नहीं की जा रही है, यही हाल है इसका।
क्या इसी तरह से अयोध्या के विकास का मॉडल तैयार किया जा रहा है, केवल 13 किलोमीटर के रामपथ का एक बरसात में ही यह हाल हो गया और सड़क निर्माण व सीवर निर्माण एजेंसियों की पोल खुल गई कि किस तरह से राष्ट्रीय स्तर के निर्माण कार्यों को अंजाम दिया गया है, इतना ही नहीं अयोध्या रेलवे स्टेशन की 20 मीटर कि बाउंड्रीवाल भी ढह गई, जिसे छः माह पूर्व ही बनाया गया था।
यहां जानकारी दे दें कि 13 किलोमीटर लंबे रामपथ मार्ग को फोरलेन में विकसित करने के लिए 624.59 करोड़ रुपए की परियोजना है जो कि जिले के सआदतगंज से अयोध्या नया घाट तक 13 किलोमीटर की है, जिसका बरसात कीपहली एक रात से हाल बेहाल हो चुका है और अभी तो पूरी बरसात बाकी है।