जम्मू कश्मीर में पुलिस ने जिस मुस्तैदी से आतंक के आकाओं को दबोचने में कामयाबी हासिल की है, उस की चारों तरफ चर्चा हो रही है। अगर पुलिस को ये कामयाबी नहीं मिलती तो देश में कई जगह आतंकी अपने मंसूबों को अंजाम दे सकते थे। बता दें कि आतंकियों के देश में कई जगह तबाही मचाने की साजिश थी।
फिलहाल उनके पास से 2 हजार 900 किलो विस्फोटक और कई हथियारों के साथ ही डॉक्टर आदिल समेत 7 आतंकियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच की जा रही है। आने वाले दिनों में कई खुलासे हो सकते हैं।
गजवत-उल-हिंद से जुड़े आतंकी : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जिसमें दो डॉक्टर समेत सात आरोपी गिरफ्तार हुए। पुलिस ने उनके कब्जे से 2,900 किग्रा भयानक विस्फोटक, हथियार और आइईडी बनाने की सामग्री बरामद की गई है। पुलिस की अभी जांच चल रही है।
19 अक्टूबर को किया था ये कांड : पुलिस के अनुसार 19 अक्टूबर 2025 को श्रीनगर के बुनपोरा, नौगाम में कई जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें पुलिस और सुरक्षाबलों को धमकाया गया था। इसके बाद एफआईआर संख्या 162/2025 दर्ज की गई और जांच शुरू हुई। जांच में यह सामने आया कि यह नेटवर्क शिक्षित और पेशेवर युवाओं से जुड़ा था और विदेशी संपर्कों के माध्यम से संचालित हो रहा था।
ऐसे होती थी फंडिंग : जांच में पता चला कि यह समूह एन्क्रिप्टेड चैनलों के जरिए भर्ती, समन्वय, धन-संग्रह और लॉजिस्टिक्स का काम करता था। धनराशि पेशेवर और शैक्षणिक नेटवर्क के माध्यम से, सामाजिक या धर्मार्थ कारणों का बहाना बनाकर जुटाई जा रही थी। आरोपी आतंकवाद के लिए लोगों की पहचान, उन्हें कट्टर बनाने और हथियार/आइईडी बनाने के लिए सामग्री जुटाने में जुड़ा हुआ पाए गया है।
ये हैं गिरफ्तार मुख्य आरोपियों के नाम : आरिफ निसार दर साहिल, नौगाम, श्रीनगर, यासिर-उल-आशरफ, नौगाम, श्रीनगर मकसूद अहमद दर शाहिद, नौगाम, श्रीनगर, मौलवी इरफान अहमद, शोपियां, जमीर अहमद आहंगर मुत्लाशा, वाकुरा, गांदरबल, डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई मुसायब, कोइल, पंपोर, डॉ. आदिल, वानपोरा, कुलगाम जांच के दौरान श्रीनगर, अनंतनाग, गांदरबल, शोपियां, फरीदाबाद और सहारनपुर में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया।
14 बड़े बैगों में जब्त हुआ विस्फोटक : डॉक्टर के साथ पुलिस अंदर गई। वहां से जब पुलिस बाहर निकली तो हाथों में 14 काले रंग से बड़े बैग थे। खुफिया ब्यूरो की टीमों को पहले से ही छापे की सूचना दे गई थी। स्थानीय पुलिस को भी सूचना थी लेकिन इस सीक्रेट ऑपरेशन को किसी बाहरी को लीक नहीं होने दिया गया।
कितना घातक है विस्फोटक : बता दें कि जो जानकारी सामने आ रही है, उसमें बताया जा रहा है कि विस्फोटक के रूप में अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया है। आग के संपर्क में आने पर अमोनियम नाइट्रेट में तेज विस्फोट होने की आशंका रहती है। यह विस्फोट इतना ज्यादा ताकतवर होता है कि आसपास की वस्तुओं को कुछ ही सेकेंड में तबाह सकता है। विस्फोटक के रूप में परिवर्तित किए जाने पर यह कितना घातक होता, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 150 किलो अमोनियम नाइट्रेट के जरिए दो से तीन किलोमीटर तक पूरी तरह से तबाही मचाई जा सकती है। इसकी मात्रा अधिक हो तो यह और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है। यानी फरीदाबाद में मिले अमोनियम नाइट्रेट से कम से कम छह किलोमीटर के दायरे में सबकुछ तबाह किया जा सकता था।
Edited By: Navin Rangiyal