डरने की जरूरत नहीं, भारत में होगी सामान्य बारिश
मौसम विभाग ने कहा- मानसून के दौरान बन सकती है अलनीनो की स्थिति
नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि देश में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। हालांकि एक दिन पहले ही सोमवार को स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान व्यकत किया है।
विभाग ने हालांकि कहा कि मानसून के दौरान अल नीनो की स्थिति बन सकती है लेकिन सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) और उत्तरी गोलार्ध पर कम बर्फ पड़ने से इन स्थितियों का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है। यह पूर्वानुमान कृषि क्षेत्र के लिए राहत की खबर है। कृषि क्षेत्र फसलों की पैदावार के लिए मुख्य रूप से मानसून की बारिश पर ही निर्भर रहता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने बताया कि भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) के दौरान सामान्य बारिश हो सकती है। यह दीर्घावधि औसत का 96 फीसदी (इसमें 5 प्रतिशत ऊपर नीचे हो सकता) है। दीर्घावधि औसत 87 सेंमी है।
आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्रा ने बताया कि बारिश के सामान्य और सामान्य से ज्यादा होने की 67 फीसदी संभावना है। उन्होंने बताया कि फरवरी मार्च 2023 के दौरान उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया में बर्फ से ढके क्षेत्र सामान्य से कम रहे हैं।
क्या कहा स्काईमेट वेदर ने : मौसम संबंधी रिपोर्ट जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के मुताबिक 2023 में मानसून सामान्य से कम रह सकता है। स्काईमेट के अनुसार सामान्य बारिश होने की सिर्फ 25 प्रतिशत संभावना है। इस साल 20 प्रतिशत सूखा पड़ सकता है। लॉन्ग पीरियड एवरेज का 94 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है। सूखा पड़ने की भी 20% संभावना है।
ला नीना खत्म हो चुका है और आने वाले दिनों में अल नीनो के चलते मानसून के कमजोर रहने की संभावना बन रही है। स्काईमेट के अनुसार इस बार अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है। इस कारण से बारिश सामान्य से काफी कमजोर रहती है और देश को सूखा झेलना पड़ सकता है। मौसम ज्यादा गरम रहने से फसलों पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है। (एजेंसी/वेबदुनिया)