गलवान घाटी की झड़प से लेकर चीन के पीछे हटने तक का संपूर्ण घटनाक्रम

Webdunia
शनिवार, 20 फ़रवरी 2021 (15:48 IST)
भारत और चीन के बीच यूं तो सीमा पर तनाव लंबे समय से जारी है। 1962 के युद्ध के बाद भी छिटपुट झड़पें भी दोनों देशों के सेनाओं के बीच होती रही हैं। लेकिन, पिछले वर्ष जून 2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों की शहादत के बाद यह तनाव पूरे चरम पर पहुंच गया। यहां तक की कई बार तो हालात युद्ध जैसे भी हो गए थे। हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद अब स्थितियां सामान्य हो रही हैं। आइए जनते हैं इस मामले से जुड़ा पूरा घटनाक्रम...
 
15 जून 2020 : 15 जून की रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में भीषण संघर्ष हुआ। इस संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। साथ ही भारत के कुछ सैनिकों को बंधक भी बना लिया गया था। इस झड़प में चीन को काफी नुकसान पहुंचा था, हालांकि उसने कभी स्वीकार नहीं किया। हालांकि यूरोपीय और अमेरिकी मीडिया में चीन के 35 से 40 सैनिक मरने की खबरें आई थीं। इस घटना के बाद पीपी 14 पर मेजर जनरल लेवल के अधिकारियों की बैठक हुई। भारतीय सैनिकों को छुड़ाने के लिए 16, 17 और 18 जून को फिर बैठकों का दौर चला। इसके बाद भारतीय सैनिकों को लौटा दिया गया। 
 
17 जून : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गलवान संघर्ष की घटना को लेकर राष्ट्र को संबोधित किया। वहीं, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत को चेतावनी दी। 
 
22 जून : कमांडर लेबल की दूसरे दौर की बातचीत हुई। इसके बाद और भी कमांडर स्तर की बैठकें हुईं।
 
3 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लद्दाख का दौरा किया और सैनिकों को संबोधित किया। उन्होंने चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा था कि अब विस्तारवाद का दौर अब खत्म हो चुका है। 
 
5 जुलाई : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच चर्चा।
 
14 चुलाई : दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल पर चौथे दौर की बातचीत।
 
2 अगस्त : चूशूल के मोल्दो में थ्री स्टार जनरल स्तरीय 5वें दौर की बैठक।
 
29-30 अगस्त : पैंगोंग के दक्षिणी तट पर एक बार फिर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प। वहीं 7 सितंबर को भारत चीन ने पैंगोंग क्षेत्र में एक दूसरे पर गोलीबारी का आरोप लगाया।
 
4 सितंबर : भारत के रक्षामंत्री और उनके चीनी समकक्ष जनरल वाई फेंग के बीच बातचीत। 
 
22 सितंबर : छठे राउंड की सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत। 
 
13 अक्टूबर : सैन्य कमांडर स्तर की छठे दौर की बातचीत।
 
19 अक्टूबर : भारतीय सीमा में एक चीनी सैनिक को पकड़ा गया। बातचीत के 21 अक्टूबर को बाद कार्पोरल वांग या लोंग को चीन के हवाले कर दिया गय। 
 
6 नवंबर : सैन्य कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत।
 
6 जनवरी 2021  : रक्षा मंत्रालय अपनी वा‍र्षिक समीक्षा में बताया कि चीन ने गलवान में अपरंपरागत हथियारों का उपयोग किया था। चीन कंटीले तार डंडों में लपेट कर भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। 
 
9 जनवरी : लद्दाख में भारतीय सेना ने एक चीनी सैनिक को पकड़ा। बाद में 11 जनवरी को उसे लौटा दिया गया। 
 
20 जनवरी : इस बीच, नाकु ला में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई। 
 
10 फरवरी : रूस की समाचार एजेंसी तास ने गलवान में हुई झड़प में 45 चीनी सैनिकों के मरने की बात कही। 
 
10 फरवरी : पैंगोंग लेक क्षेत्र में भारत और चीनी सैनिकों के पीछे हटने की कार्रवाई शुरू। 
 
18 फरवरी : चीन ने पहली बार स्वीकार किया कि झड़प में उसके चार सैनिकों की मौत हुई।

20 फरवरी : भारत और चीन के बीच 10वें दौर की सैन्य वार्ता। पूर्वी लद्दाख में शेष इलाकों से भी सैन्य वापसी पर चर्चा।

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