जगह-जगह तिरंगा फहराने से रोक रही है पुलिस!

सुरेश डुग्गर
जम्मू। कश्मीर वादी में अगर आतंकी और अलगाववादी गणतंत्र दिवस समारोहों में खलल डालने की चेतावनी और धमकी दे रहे हैं तो जम्मू में मामला इसके विपरीत है। यहां पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करवाने में अक्षमता जाहिर करते हुए कुछ ही स्थानों पर तिरंगा फहराने की रस्में अदा करने के लिए कहा है। इस पर पुलिस तथा प्रशासन आमने-सामने हैं।
 
पुलिस ने सभी समारोह स्थलों के लिए सुरक्षा मुहैया करवाने में असमर्थता जाहिर की है तो नागरिक प्रशासन का कहना है कि गणतंत्र दिवस समारोह स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर ही आयोजित किए जाएंगे न कि पुलिस द्वारा चिन्हित स्थानों पर। ऐसे में पुलिस ने सेना से ऐसे समारोहों के लिए सुरक्षा मुहैया करवाने का आग्रह किया है।
 
मामला उस समय सामने आया जब जम्मू जिले की अखनूर तहसील के ग्रेफ कैंप पर आतंकी हमले के बाद और आतंकी हमले होने की सूचनाएं मिलने के बाद अखनूर के पुलिस अधिकारियों ने नागरिक प्रशासन को पत्र लिख कर आग्रह किया था कि वह इस बार सुरक्षा के मद्देनजर कम से कम स्थानों पर गणतंत्र दिवस समारोह मनाए जाने के कार्यक्रम बनाए। 
 
इसके लिए पुलिस ने सुरक्षाबलों की कमी तथा आतंकी खतरे का रोना रोते हुए कहा था कि वह उन सभी समारोहस्थलों के लिए सुरक्षा मुहैया करवाने में असमर्थ है, जहां 26 जनवरी को समारोह आयोजित किए जाने हैं। अखनूर के एसडीएम ने दरअसल तहसील के 17 स्थानों पर समारोह आयोजित करने की अनुमति देने के साथ ही पुलिस को सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए लिखा था। पर पुलिस ने सिर्फ 4 ही स्थानों पर सुरक्षा उपलब्ध करवाने में समर्थता जताई थी।
 
नतीजा सामने है। पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा प्रदान करने की ‘ना’ के बाद पुलिस और प्रशासन आमने-सामने हैं। हालांकि जम्मू स्थित आलाधिकारियों ने हस्तक्षेप कर मामला सुलझाने की कोशिश में अब सेना से मदद मांगी है। सेना को किए गए आग्रह में कहा गया है कि वह सीमावर्ती इलाकों में तथा अन्य उन स्थानों पर सुरक्षा मुहैया करवाने को अतिरिक्त जवानों की तैनाती आंतरिक सुरक्षा के लिए करे जहां पुलिस बल की कमी है।
 
हालत यह है कि पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया करवाने में असमर्थतता जताए जाने और यह खबरें फैलाए जाने के बाद कि आतंकी हमले हो सकते हैं, अखनूर तहसील समेत अन्य इलाकों में दहशत का माहौल भी है। लोगों को लग रहा है कि आतंकी और हमलों को अंजाम देने में कामयाब हो सकते हैं। उनकी आशंका के पीछे ठोस आधार यह है कि ग्रेफ कैंप पर हमला कर 3 लोगों को मौत के घाट उतारने वाला आतंकियों का दल अभी तक पकड़ से बाहर है।
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