TMC सांसद ब्रायन का सरकार पर निशाना, कहा संसद के नहीं चलने से सरकार को सबसे ज्यादा फायदा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 23 जुलाई 2025 (12:24 IST)
Derek O'Brien targets the government: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता डेरेक ओ'ब्रायन (Derek O'Brien) ने बुधवार को कहा कि जब संसद नहीं चलती है तो सबसे ज्यादा फायदा सरकार को होता है। सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य ने कहा कि मानसून सत्र (monsoon session ) के 2 दिन बेकार चले गए और इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
 
सरकार संसद के प्रति जवाबदेह होती है : ओ'ब्रायन ने कहा कि केंद्र सरकार ने संसद के 2 दिन व्यर्थ गंवा दिए। जब संसद नहीं चलती है तो फायदा किसे होता है? सत्ता में बैठी सरकार को। उन्होंने कहा कि सरकार संसद के प्रति जवाबदेह होती है, संसद जनता के प्रति जवाबदेह होती है। जब संसद काम नहीं करती है तो सरकार किसी के प्रति जवाबदेह नहीं होती।ALSO READ: संसद में सड़क के आचरण से स्पीकर ओम बिरला नाराज, विपक्षी सांसदों को लगाई फटकार
 
अपने ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने लिखा : उन्होंने अपने ब्लॉग पोस्ट से एक लेख भी साझा किया जिसमें उन्होंने बताया कि मानसून सत्र का कुल समय 190 घंटे का है जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत सरकारी कामकाज के लिए है। ओ'ब्रायन ने कहा कि प्रश्नकाल के लगभग आधे प्रश्न और शून्यकाल के आधे नोटिस विपक्षी सांसदों द्वारा दायर किए जाते हैं जिससे विपक्षी सदस्यों के पास सार्वजनिक महत्व के प्रश्न और मुद्दे उठाने के लिए कुल 31 घंटे का समय होता है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि केंद्र सरकार को कुल 190 घंटों में से 135 घंटे सरकारी कामकाज और अन्य मुद्दों के लिए मिलते हैं, जो उनके अनुसार कुल समय का लगभग 70 प्रतिशत है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार के लिए उपलब्ध घंटों में कटौती करना उचित है। विपक्ष को कुछ और समय दिया जाना चाहिए।ALSO READ: इंडिया गठबंधन ने एसआईआर के खिलाफ संसद के भीतर और बाहर विरोध जताया, की जमकर नारेबाजी
 
तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रत्येक सदन में हर हफ्ते 4 घंटे का समय सार्वजनिक महत्व के तात्कालिक मुद्दों पर चर्चा के लिए आरक्षित होना चाहिए। इसके अलावा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के लिए भी 2 घंटे आरक्षित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका मतलब होगा कि सरकारी कामकाज के लिए लगभग 117 घंटे और विपक्ष के लिए 49 घंटे होंगे, जो अधिक निष्पक्ष व्यवस्था होगी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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