क्यों बिकना बंद हुए टुन्डे कबाब, जानिए कारण

Webdunia
गुरुवार, 23 मार्च 2017 (20:06 IST)
लखनऊ। टुंडे कबाब लखनऊ की पहचान हैं। मुगलिया जायके की पहचान ये कबाब अब अपनी खास पहचान को खो चुके हैं। लेकिन अगर आप इनका स्वाद लेना चाहते हैं तो आपको निराशा हाथ लगेगी। 110 साल में पहली बार टुंडे कबाब की दुकान कच्चा माल यानी भैंसे के मीट की कमी से बुधवार को बंद रही। 
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश कि अवैध बूचड़खाने बंद कर दिए जाने से मीट की सप्लाई बंद होने का असर इन टुन्डे कबाब पर हुआ। टुंडे कबाब बनाने में भैंस के मांस का प्रयोग किया जाता है, लेकिन उत्तरप्रदेश में बंद हुए अवैध स्‍लॉटरहाउस की वजह से पूरे प्रदेश में मीट की आपूर्ति प्रभावित हुई है।  
 
नगर निगम, पुलिस और प्रशासन ने घूम-घूमकर अवैध दुकानें बंद करवा दीं। सबसे ज्यादा असर भैंसे के मीट पर पड़ा। चूंकि यह मीट सस्ता होता था इसीलिए इसकी खपत भी ज्यादा थी। कल सख्ती के बाद यह मीट उपलब्ध नहीं हुआ और दुकानें नहीं खुलीं।

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