अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रेश में मारे गए लोगों के शवों की पहचान करना एक चुनौती बन गया है। हालांकि डीएनए जांच से शवों की पहचान की जा रही है, लेकिन फिर भी कई तरह के चैलेंज सामने आ रहे हैं। एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सबको झकझोर कर रख दिया।
दरअसल, एक ही बॉडी बैग में दो सिर मिले हैं। यानी पूरी डीएनए जांच प्रक्रिया को फिर से दोहराना पड़ेगा। इस प्रक्रिया में करीब 72 घंटे का समय लगता है। बता दें कि जब बॉडी बैग में दो अलग-अलग व्यक्तियों के अंग पाए जाते हैं, तो यह जरूरी हो जाता है कि डीएनए सैंपलिंग दोबारा की जाए।
बता दें कि विमान हादसे के बाद अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में कुल 270 शव लाए गए थे। इन 270 शवों में से 241 लंदन जाने वाली फ्लाइट के यात्री और केबिन क्रू के थे। बाकी लोगों की मौत तब हुई, जब विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
पूरा शव मांग रहे हैं परिजन : टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित परिवारों ने अधिकारियों से अपने परिवार के सदस्यों के पूरे अवशेष सौंपने की गुहार लगाई है, न कि उनके अंगों को सौंपने की। शनिवार को एक व्यक्ति को अधिकारियों के सामने अपने परिवार के सदस्यों के सभी अवशेषों को अंतिम संस्कार के लिए सौंपने की गुहार लगाते हुए देखा गया, लेकिन उसे बताया गया कि यह असंभव है।
एक बॉडी बैग में मिले 2 सिर : जैसे-जैसे शवों के पहचान की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, इसमें कई तरह की दिक्कतें भी आ रही हैं। एक परिवार को एक बॉडी बैग के अंदर 2 सिर मिले हैं, ऐसे में परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया और उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा शव चाहिए। ऐसे में शव की दोबारा डीएनए सैंपलिंग की जाएगी। रिपोर्ट में सिविल अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि इसके लिए डीएनए सैंपलिंग प्रक्रिया को दोहराना पड़ेगा, क्योंकि ये अंग दो पीड़ितों के हैं और एक ही बैग में नहीं होने चाहिए।
ऐसे आ रही मुश्किलें : दरअसल, मृतकों के परिजनों को समझाना मुश्किल हो रहा है। दुर्घटना के शिकार लोगों के परिवार सिविल अस्पताल के शवगृह के बाहर उमड़ रहे हैं, क्योंकि अधिकारी डीएनए परीक्षण कर रहे हैं। बीजे मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक रजनीश पटेल के अनुसार डीएनए सैंपलिंग प्रक्रिया के माध्यम से कुल 32 शवों की पहचान की गई है और 12 शव परिवारों को सौंप दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 8 शव परिवारों को सौंप दिए गए हैं, क्योंकि डीएनए परीक्षण की आवश्यकता नहीं थी।
Edited By: Navin Rangiyal