मुस्लिम संगठन समान नागरिक संहिता के खिलाफ, विधि आयोग को नहीं देंगे जवाब

Webdunia
गुरुवार, 13 अक्टूबर 2016 (14:35 IST)
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड समेत नौ संगठनों ने समान नागरिक संहिता के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए शरीया कानूनों को ही जारी रखने की वकालत की है और कहा है कि वे इस संबंध में विधि आयोग की प्रश्नावली का जवाब नहीं देंगे।
 
ऑल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी के नेतृत्व में गुरुवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इन सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने पत्रकारों के सामने अपना आक्रोश जाहिर किया। गौरतलब है कि विधि आयोग ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के सिलिसिले में लोगों से उनकी राय मांगी है।
 
संवाददाता सम्मेलन में पर्सनल लॉ बोर्ड के रहमानी के अलावा जमायते उलेमाए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी और पूर्व उपाध्यक्ष मोहम्मद जफर, मरकजी जमायते अहले हदीस के मौलाना असगर इमाम मेहदी सल्फी, इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के महासचिव डॉ. एम. मंजूर आलम, ऑल इंडिया मजलिसे मुस्लिम मशावरत के अध्यक्ष नावेद हमीद और दारुल उलूम देवबंद के रेक्टर अब्दुल कासिम नोमानी एवं शिया जामा मस्जिद कश्मीरी गेट के इमाम मौलाना मोहसिन तकवी भी मौजूद थे।
 
रहमानी ने कहा कि हम लोग विधि आयोग द्वारा तैयार की गई प्रश्नावली को खारिज करते हैं और हम इसका कोई जवाब नहीं देंगे। इतना ही नहीं, हमने मुस्लिम समुदाय से यह भी अपील की है कि वे विधि आयोग की इस प्रश्नावली का बहिष्कार करें।
 
उन्होंने कहा कि विधि आयोग की इस प्रश्नावली का वास्तविक मकसद मुस्लिम पर्सनल लॉ को समाप्त करना है और यह प्रश्नावली लोगों को भ्रमित करने के लिए तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 का उल्लेख कर समान नागरिक संहिता को संवैधानिक दर्जा देने की कोशिश की गई है, जो नीति-निर्देशक तत्वों के खिलाफ है और इसे लागू नहीं किया जा सकता है।
 
उन्होंने कहा कि संविधान के मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 25 के तहत हर व्यक्ति को अपने मनपसंद धर्म को चुनने, उसका प्रचार करने और उसे अपनाने का अधिकार है। समय-समय पर अदालतों ने भी अपने फैसलों में कहा है कि व्यक्ति का मौलिक अधिकार सर्वोच्च है। अगर केंंद्र सरकार नीति-निर्देशक तत्व को लागू करने के लिए वाकई गंभीर है तो उसे सबको शिक्षा देने, सबको स्वास्थ्य सुविधाएं देने और नशाबंदी को लागू करना चाहिए, जो सीधे जनता की बेहतरी के लिए है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह धारणा भ्रामक है कि समान नागरिक संहिता से राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाया जा सकता है और देश की प्रगति तथा विकास संभव है। (वार्ता) 
 
Show comments

जरूर पढ़ें

Pahalgam Terrorist Attack : भारत के एक्शन के बाद खौफ में Pakistan, चीन और रूस के सामने गिड़गिड़ाया, पहलगाम हमले को लेकर की यह मांग

130 परमाणु हथियार सिर्फ भारत के लिए, पाकिस्तानी मंत्री बोले- वॉटर सप्लाई रोकी तो युद्‍ध के लिए रहें तैयार

RJD के मोमबत्ती जुलूस में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, वायरल हुआ Video

पहलगाम नरसंहार : क्या फिर LoC पार कर भारतीय सैनिक मचाएंगे तबाही

नम आंखों से लौटे पाकिस्तान, कोई मां से बिछड़ा तो किसी ने रिश्तेदारों को छोड़ा

सभी देखें

नवीनतम

Pahalgam Terrorist Attack : भारत के एक्शन के बाद खौफ में Pakistan, चीन और रूस के सामने गिड़गिड़ाया, पहलगाम हमले को लेकर की यह मांग

ईरान के बंदरगाह पर हुए विस्फोट में 40 की मौत, 1000 लोग घायल

70 साल बाद पहली बार मंदिर परिसर से बाहर निकलेंगे हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी, रामलला के करेंगे दर्शन

Indore में एमपी टेक ग्रो कॉन्क्लेव 2025, CM डॉ. मोहन यादव ने कहा- 20000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव, 75 हजार नौकरियों की संभावनाएं

130 परमाणु हथियार सिर्फ भारत के लिए, पाकिस्तानी मंत्री बोले- वॉटर सप्लाई रोकी तो युद्‍ध के लिए रहें तैयार

अगला लेख