दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया चाहती थी कि अब किसी को यह नहीं भोगना पडे। कई देशों ने सोचा कि इसके लिए कोई व्यवस्था की जाना चाहिए।
पहले विश्वयुद्ध के बाद शांति के लिए जो कदम उठाए गए थे उनमें से कई कारण ऐसे थे जो द्वितीय विश्व युद्ध के कारण बन गए। इससे बचने के लिए 1945 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई और उसका एक अहम कदम 1848 में संयुक्त राष्ट्र की आमसभा का अपनाया गया मानव अधिकार का वैश्विक घोषणा पत्र था।
यह घोषणापत्र 10 दिसंबर को अपनाया गया था, इसीलिए इस दिन को विश्व मानवाधिकार दिवस (World Human rights Day 2021) के तौर पर हर साल मनाया जाता है।
10 दिसंबर का दिन इंसान को मिलने वाले उन सभी पूरे अधिकारों को दर्शाता है जो रंग, नस्ल, लिंग, भाषा, राजनैतिक या दूसरे विचारों चाहे राष्ट्रीय हों या सामाजिक विशेष के हों, सम्पत्ति, जन्म या अन्य स्तर से पूरी तरह से मुक्त हों। यह दिन समानता और किसी तरह के भेदभाव से मुक्त भावनाओं के सिद्धांत की पैरवी करता है।
साल 2021 के लिए संयुक्त राष्ट्र की थीम “समानता- असमानता को कम करना, मानव अधिकारों को आगे बढ़ाना है। यह थीम मानवाधिकार घोषणा पत्र की धारा एक से संबंधित है जिसमें कहा गया है कि सभी मानव स्वतंत्र पैदा हुए हैं और उनकी समान गरिमा और अधिकार हैं।