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योगी सरकार ने पेश किया लोकलुभावन बजट, नहीं लगाया कोई नया कर

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लखनऊ , शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018 (15:05 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए  42,8384.52 करोड़ रुपए का बजट शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया। योगी सरकार का यह दूसरा बजट है। बजट घाटे का है, लेकिन कोई नया कर नहीं लगाया गया है। बजट में वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की स्पष्ट झलक दिखती है। कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है। 
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट पेश किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट से करीब 60 हजार करोड़ रुपए अधिक है। बजट में कुल प्राप्तियां 4,20,899.46 करोड़ रुपए दर्शाई गई है। यह भी पिछले बजट से करीब 60 हजार करोड़ रुपए अधिक है। 
 
बजट में 7,485.06 करोड़ रुपए का घाटा दिखाया गया है, हालांकि लोक लेखा से इसकी पूर्ति हो जाने की संभावना व्यक्त की गई है। पूर्ति होने पर घाटा समाप्त हो जाएगा और अधिशेष 1,284.23 करोड़ रुपए बढ़ सकता है।
 
बजट में निवेश, युवा कल्याण और राज्य में बुनियादी ढांचों के विकास पर ज्यादा जोर दिया गया है। नई योजनाओं के लिए बजट में 14,341.89 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। बजट के अनुसार इन योजनाओं को आगामी वित्तीय वर्ष में शुरू किया जाना है। योजनाओं में 5 महानगरों में मेट्रो रेल सेवा, शिक्षित युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और एक जिला-एक उत्पाद मुख्य रूप से शामिल हैं।
 
बजट में किसानों के लिए कई योजनाएं घोषित की गई हैं। मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के क्रियान्वयन के लिए 42 करोड़ 49 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। उर्वरकों के अग्रिम भंडारण की योजना के लिए 100 करोड़, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए 31 करोड़ रुपए, किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए अनुदान योजना के तहत 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। 
 
बजट में बुंदेलखंड क्षेत्र में खेत तालाब योजना के तहत 5 हजार तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। सोलर फोटो वोल्टेइक सिंचाई पंपों की स्थापना के लिए 131 करोड़  रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा आगामी वित्तीय वर्ष में 581 लाख 60 हजार मैट्रिक टन खाद्य तथा 11 लाख 28 हजार मैट्रिक टन तिलहन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
 
इसी प्रकार 'स्प्रिंकलर सिंचाई योजना' के तहत किसानों को सब्सिडी के लिए 24 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। शरदकालीन गन्ना बुवाई के लिए 1 लाख 65 हजार हैक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को 80 लाख क्विंटल उन्नत किस्म का गन्ना बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
 
बजट में पं. दीनदयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के लिए 75 करोड़ रुपए, विकासखंडों में पशु आरोग्य मेले के आयोजन के लिए 15 करोड़ रुपए की तथा राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य  तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ रुपए, पशु आरोग्य एवं नस्ल में सुधार के लिए 27 करोड़ रुपए तथा डेयरी विकास फंड की स्थापना के लिए 15 करोड़ रुपए, दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए 'नंद बाबा पुरस्कार एवं गोकुल पुरस्कार' के लिए 1 करोड़ 6 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। 
 
मछुआरों के कल्याण के लिए मत्स्यपालक कल्याण फंड की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। (वार्ता)

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