हाथरस हादसे पर स्वयंभू संत साकार विश्व हरि भोले बाबा का पहला बयान सामने आया है। बाबा ने समागम के दौरान मरने वालों के प्रति संवेदना जताई है। इसके साथ ही ये सफाई दी है कि वह समागम में भगदड़ होने से बहुत पहले ही निकल चुके थे। बाबा ने लिखित बयान जारी कर यह भी बताया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह को अधिकारिक तौर पर अपना वकील नियुक्त किया है।
प्रवचनकर्ता भोले बाबा के वकील ने बुधवार को दावा किया कि अनुयायी कभी भी उनके पैर नहीं छूते हैं। उन्होंने हाथरस में मंगलवार को आयोजित सत्संग में मची भगदड़ और 121 लोगों के मारे जाने के पीछे कुछ असामाजिक तत्वों का हाथ होने का संदेह जताया है।
प्रवचनकर्ता भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा कि मंगलवार की भगदड़ की जांच कर रहे राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए भी वे तैयार हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है। बाबा नारायण हरि को साकार विश्व हरि भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है।
सिंह का यह दावा प्रारंभिक सरकारी रिपोर्ट के विपरीत है, जिसमें दावा किया गया है कि भगदड़ तब मची जब बड़ी संख्या में अनुयायी प्रवचनकर्ता भोले बाबा को करीब से देखने और उनके चरण रजइकट्ठा करने के लिए उनके पास पहुंचे जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं।
सिंह ने पीटीआई-भाषा को दावा किया, कुछ असामाजिक तत्वों ने साजिश रची। जब नारायण साकार हरि कार्यक्रम स्थल से चले गए, उनके वाहन चले गए, तो हमारे स्वयंसेवक और अनुयायी साजिश के कारण यह समझने में विफल रहे कि क्या हो रहा है। यह एक योजना के तहत किया गया था और इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भोले बाबा भी मंगलवार की भगदड़ की जांच कर रहे राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है।
प्राथमिकी में किए गए दावों और स्थानीय उप जिलाधिकारी द्वारा तैयार प्रारंभिक रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर सुप्रीम कोर्ट के वकील सिंह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, नारायण साकार हरि के पैर उनके अनुयायी कभी नहीं छूते। चरण रज का उल्लेख भी झूठा है। इस तरह के कृत्य का कभी कोई वीडियो या तस्वीर नहीं है।
सिंह ने कहा कि वह बाबा भोले और सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के पुलराई गांव में आयोजित सत्संग के मुख्य आयोजक का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भगदड़ के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में प्रवचनकर्ता का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है।
अगले कानूनी कदम के बारे में सिंह ने कहा, हम घटनास्थल का दौरा करेंगे, अन्य कारकों पर विचार करेंगे और उसके अनुसार निर्णय लेंगे। उनके (भोले बाबा)कार्यक्रमों के दौरान, नक्शे बनाए जाते हैं, अनुमति ली जाती है और पर्याप्त क्षेत्र में पर्याप्त व्यवस्था की जाती है।
सिंह ने कहा कि भोले बाबा ने उनके सत्संग के बाद जो कुछ हुआ उसकी निंदा की है। उन्होंने दावा किया कि प्रवचनकर्ता के सेवादार और अनुयायी भगदड़ के पीड़ितों की मदद कर रहे हैं और उन्हें भोजन और दवाइयां मुहैया करा रहे हैं।
कहां है बाबा : स्वयं को भगवान के बराबर बताने वाले विवादास्पद उपदेशक भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है और हाथरस में हुई घटना को लेकर आसपास के क्षेत्रों में मातम का माहौल है। भोले बाबा का सबसे बड़ा आश्रम उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में बताया जाता है। स्वयंभू बाबा ने अपना नाम बाबा नारायण हरि और साकार विश्व हरि भोले बाबा रखा हुआ है। उसका नाम घटना के बारे में दर्ज प्राथमिकी में आरोपियों की सूची में नहीं है, हालांकि शिकायत में उसका नाम है।
धार्मिक उपदेशक भोले बाबा ने दो दशक पहले पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी। उसके कई आश्रम हैं। इनमें सबसे बड़ा आश्रम मैनपुरी में है जिसके बाहर बुधवार को पुलिस ने घेरा डाल दिया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि बाबा आश्रम के अंदर है या नहीं। इनपुट भाषा