Hathras Stampede Case : इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक पत्र के जरिए जनहित याचिका बुधवार को दायर कर हाथरस में एक सत्संग के बाद हुई भगदड़ की घटना की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया गया है ताकि घटना की निष्पक्ष छानबीन सुनिश्चित की जा सके। याचिका में कहा गया कि जिले के अधिकारी लापरवाही के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं जिसकी वजह से यह भगदड़ मची और सौ से अधिक लोगों की जानें गईं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता गौरव द्विवेदी ने मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को संबोधित अपनी याचिका में लिखा है कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि हाथरस जिले में सत्संग के बाद मची भगदड़ में सौ से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है और अनेक लोग घायल हुए हैं।
याचिका में कहा गया कि जिले के अधिकारी लापरवाही के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं जिसकी वजह से यह भगदड़ मची और सौ से अधिक लोगों की जानें गईं। उसमें कहा गया है कि किसी भी अवांछित स्थिति से निपटने के लिए जिले के अधिकारियों के पास सभी तरह की व्यवस्थाएं होती हैं और राज्य सरकार नई तकनीकियों पर काफी पैसा खर्च कर रही है।
विशेष जांच टीम से तहकीकात कराने का निर्देश देने की मांग : याचिका में उच्च न्यायालय से इस घटना की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का अनुरोध किया गया है ताकि घटना की निष्पक्ष छानबीन सुनिश्चित की जा सके। साथ ही याचिका में राज्य सरकार को इस घटना की विशेष जांच टीम से तहकीकात कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
याचिका पर सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई : याचिका में अदालत से राज्य सरकार को पुलिस महानिदेशक, हाथरस के मंडलायुक्त, हाथरस के जिलाधिकारी, हाथरस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और हाथरस के फुलरई थाना के एसएचओ को निलंबित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। याचिका पर सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
हाथरस जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु जुटे थे। इस दौरान मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। घटना में 31 अन्य घायल हुए हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour