Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हाथरस हादसे पर घिरे 'साकार हरि' की पूरी कहानी, क्या कहती हैं पैतृक गांव की महिलाएं

हमें फॉलो करें हाथरस हादसे पर घिरे 'साकार हरि' की पूरी कहानी, क्या कहती हैं पैतृक गांव की महिलाएं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 3 जुलाई 2024 (19:36 IST)
full story of Narayan Sakar Vishwa Hari alias Bhole Baba : नारायण हरि ‘भोले बाबा’ हाथरस के सिकन्दराराऊ में मंगलवार को एक सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की घटना के बाद से खासी चर्चा में हैं।  स्थानीय लोगों ने बताया कि बाबा की उम्र 60 साल से अधिक है और उनकी कोई संतान नहीं है। उन्होंने बताया कि बाबा ने एक लड़की को गोद लिया था, जिसकी मृत्यु करीब 16-17 साल पहले हो गई थी तथा बाबा ने दो दिन तक उसके शव को घर पर रखा था, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वह जीवित हो जाएगी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने लड़की का अंतिम संस्कार किया था।
क्या बोले बहादुरपुर के लोग : कासगंज जिले की पटियाली तहसील में स्थित नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के पैतृक गांव बहादुरनगर के लोगों ने बुधवार को इस प्रवचनकर्ता की सराहना की। नारायण हरि पुलिस की नौकरी छोड़कर धार्मिक उपदेशक बन गए। धीरे-धीरे लोग उनके विचारों से जुड़ते गये और उनके सत्संग में भीड़ जुटने लगी।
 
स्थानीय लोगों के मुताबिक, ‘भोले बाबा’ पहले अपने गांव में ही सत्संग करते थे लेकिन बाद में वहां काफी भीड़ होने लगी, इसलिये उन्होंने गांव में सत्संग बंद कर दिया। उनके अनुयायियों का दावा है कि बाबा अपने भक्तों से किसी तरह का दान या चढ़ावा नहीं मांगते।
 
'पीटीआई-वीडियो' से बातचीत में जब लोगों से पूछा गया कि बाबा ने बिना दान-दक्षिणा के कासगंज में इतना भव्य धाम कैसे बनाया, तो लोगों ने कहा कि यह भक्तों का दान है और बाबा ने उनसे कुछ मांगा नहीं था। महिलाओं का कहना है कि बाबा का आचरण बहुत अच्छा है और वह सिर्फ भगवान के बारे में ही बातें करते हैं।
आश्रम के पास रहने वाले धन सिंह, मोहित कुमार और गांव के जय कुमार ने भी बाबा की प्रशंसा की और कहा कि वे और बड़ी संख्या में अन्य लोग अक्सर बाबा के सत्संग में जाते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बाबा की उम्र 60 साल से अधिक है और उनकी कोई संतान नहीं है। उन्होंने बताया कि बाबा ने एक लड़की को गोद लिया था, जिसकी मृत्यु करीब 16-17 साल पहले हो गई थी तथा बाबा ने दो दिन तक उसके शव को घर पर रखा था, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वह जीवित हो जाएगी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने लड़की का अंतिम संस्कार किया था।
 
आश्रम में कड़ी सुरक्षा : बाबा के बारे में कहा जा रहा है कि वह इस वक्त मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने एक आश्रम में हैं। मैनपुरी स्थित आश्रम के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गये हैं। मैनपुरी से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, भगदड़ कांड के बाद मैनपुरी के बिछवां कस्बे में स्थित ‘भोले बाबा’ के आश्रम के बाहर कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया गया है। आश्रम के बाहर कई थानों की पुलिस मौजूद है और आश्रम के अंदर मीडिया सहित किसी को भी दाखिल होने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि हाथरस में भगदड़ कांड के बाद से बिछवां स्थित ‘भोले बाबा’ के आश्रम में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। इस सवाल पर कि क्या बाबा आश्रम में मौजूद हैं, सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि ‘भोले बाबा’ आश्रम के अंदर हैं और उनकी सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
 
हाथरस के फुलरई गांव में विश्वहरि ‘भोले बाबा’ द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की हो गई है। मरने वालों में ज़्यादातर महिलाएं हैं। इनपुट भाषा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

NEET मुद्दे पर शिक्षा मंत्री ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले- झूठ फैला रहे कांग्रेस और INDIA गठबंधन