नई दिल्ली। अमेरिका ने काबुल में ड्रोन हमले में अल कायदा आतंकी अल जवाहिरी को मार गिराया। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगे को डिस्प्ले पिक्चर के रूप में अपलोड किया। संसद में नहीं थमा हंगामा। 2 अगस्त को इन खबरों पर रहेगी सबकी नजर...
-विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक मंगलवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित।
-कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बेरोजगारी के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। वहीं राज्यसभा में कांग्रेस ने अग्निवीर योजना पर भी नोटिस दिया है।
-पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगे को डिस्प्ले पिक्चर के रूप में अपलोड किया।
-असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगे को डिस्प्ले पिक्चर के रूप में अपलोड किया।
-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी मंगलवार की शाम को पार्टी की कर्नाटक इकाई के राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में शामिल होंगे।
-जम्मू-कश्मीर के कानाचक सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने उड़ती हुई एक संदिग्ध वस्तु पर गोलियां चलाईं।
-FBI की लिस्ट में अल जवाहिरी मृत घोषित।
-अफगानिस्तान के कानून मंत्री के घर में छुपा था अल जवाहिरी
-अमेरिका ने रविवार को काबुल में यह अभियान छेड़ा था। अल-जवाहिरी एक सुरक्षित घर की बालकनी में था, जब ड्रोन ने उस पर दो मिसाइलें दागीं। मिसाइल हमले में मारा गया अल जवाहिरी।
-बाइडन ने कहा कि उन्होंने अल-कायदा नेता के खिलाफ सटीक कार्रवाई के लिए अंतिम मंजूरी दे दी थी। उन्होंने कहा कि अल- जवाहिरी ने अक्टूबर-2000 में अदन में अमेरिकी नौसैनिकों पर हमले समेत हिंसा की अन्य कृत्यों को भी अंजाम दिया था। इस हमले में 17 अमेरिकी नाविक मारे गए थे।
-अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'चाहे कितना भी समय लगे, चाहे आप कहीं भी छिप जाएं, अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो हम आपको और आपके लोगों को ढूंढ निकालेंगे।'
-वर्ष 2011 में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अल-जवाहिरी ने अल-कायदा पर कब्जा कर लिया। उसने और बिन लादेन ने एक साथ 9/11 के हमलों की साजिश रची और तब से वह अमेरिका के वाछित आतंकवादियों में से एक बन गया।
-इस बीच तालिबान के एक प्रवक्ता ने अमेरिकी कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां पिछले 20 वर्षों के असफल अनुभवों की पुनरावृत्ति हैं तथा अमेरिका, अफगानिस्तान और क्षेत्र के हितों के खिलाफ हैं।