जोशीमठ। ऋषि गंगा के जलप्रलय के बाद से ही प्रभावित क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा राहत बचाव कार्य लगातार जारी है। आपदा में लापता हुए 206 व्यक्तियों में से अब तक 70 शव और 29 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं और 134 लोग अभी लापता चल रहे हैं।
तपोवन टनल साइड से आज एक मानव अंग बरामद किया गया। तपोवन में सुरंग, बैराज साइड व रैणी क्षेत्र तथा नदी तटों पर मलवे से लापता लोगों की तलाश जारी है। सोमवार को आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार आज 1 शव श्रीनगर चौरास तथा 1 शव कीर्ति नगर से बरामद हुआ।
आज 2 डेडबॉडी और तपोवन से 1 मानव अंग बरामद हुआ। 1 पूर्ण शव और 1 मानव अंग का अंतिम दाह संस्कार किया गया। प्रभावित क्षेत्रों में संचालित स्वास्थ्य शिविरों में अब तक 2186 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और 195 पशुओं की चिकित्सा के साथ दवा एवं 84 फीड ब्लॉक वितरित किए गए।
प्रभावित परिवारों को 555 राशन किट व 46 सोलर लाइट वितरण के अतिरिक्त तपोवन और रैणी में संचालित राहत शिविरों में अब तक 9125 लोगों को भोजन कराया गया। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी एवं खाद्यान्न की आपूर्ति सुचारू है। जिला प्रशासन ने अब तक 29 मृतकों के परिजनों को सहायता राशि वितरण के अतिरिक्त 11 घायलों एवं एक परिवार को गृह अनुदान का वितरण किया गया है, वहीं 3 मृतक पशुओं का मुआवजा भी बांटा गया है।
क्यूडीए सिस्टम : ऋषिगंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बनी झील की निगरानी के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) ने क्विक डिप्लायबल एंटीना (QDA) प्रणाली को स्थापित किया है।
एसडीआरएफ की उपमहानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि उपग्रह संचार पर आधारित क्यूडीए प्रणाली करीब 14,000 फुट की ऊंचाई पर नो सिग्नल क्षेत्र में स्थित झील की लगातार निगरानी में मदद मिलेगी। यह प्रणाली आंकड़े इकटठा कर सीधे नियंत्रण कक्ष को भेजेगी। उन्होंने कहा कि झील में कोई भी असामान्य गतिविधि का पता चलने पर इससे तत्काल चेतावनी जारी करने में मदद मिलेगी।
ऋषिगंगा के उपर झील के निर्माण से वैज्ञानिकों के साथ ही सरकार भी चिंतित हो गई है। झील के बारे में पता चलने के बाद वैज्ञानिकों के कई दल उसका हवाई सर्वेंक्षण कर चुके हैं जबकि भारतीय भू सर्वेक्षण तथा उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर की एक संयुक्त टीम पैदल मौके का जायजा लेकर आई है।
मौके का जायजा लेकर आए सभी वैज्ञानिक दलों का मानना है कि झील से जलरिसाव हो रहा है और इससे तात्कालिक कोई खतरा नहीं है। क्यूडीए नो सिग्नल क्षेत्र से संचार स्थापित करने की नवीनतम तकनीक है जो तत्काल उपग्रह के जरिए संपर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा देती है।