देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को देर रात मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए इस्तीफे पर चुप्पी साध ली।
सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे,विधायक राजेश शुक्ला भी मौजूद थे। मुख्य सचिव ओमप्रकाश, मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ थे।
अपने संबोधन में सीएम तीरथ ने कहा कि कोविड महामारी से काफी निजात पाए हैं, लेकिन साथ है जो हमारे ट्रांसपोर्ट थे, टूरिज्म विभाग था, उनको काफी कठिनाई आई है, ऐसे लोगो केलिए बिजली पानी वो भी एक समस्या रही है, उनको कुछ सुविधाएं जो माफ की जा सकती थीं, वो किया है।
उन्होंने कहा कि हमने राहत सहायता देने के लिए बहुत कदम उठाए हैं जिसमें लगभग 2 हजार करोड़ राहत सहायता प्रदान हम लोग करने जा रहे हैं। सभी बिंदुओ को छुआ, स्वास्थय एंव परिवार कल्याण, उर्जा परिवहन, महिला एंव बाल विकास, इन विभागों में ऐसे 2 हजार करोड़ की सहायता दी है, अलग-अलग मद से दी है।
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र सौंपा है, जिसमें लिखा है कि उत्तराखंड में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। लिहाजा वो मौजूदा समय में मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह सकते। एक तरह से इस पत्र के जरिए रावत ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है।
अब यह कहा जा रहा है कि नया मुख्यमंत्री विधायकों के बीच से ही चुना जाएगा। सूत्रों की मानें तो तीरथ ने शनिवार को राज्यपाल से मुलाकात का भी वक्त मांगा है। माना जा रहा है कि वे राज्यपाल को इस्तीफा सौंपेंगे। हालांकि रावत चुनाव आयोग को पत्र देकर उपचुनाव कराने की गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन उपचुनाव की संभावना कम होने से वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं।