उन्होंने सवाल किया कि दिल्ली-एनसीआर में 10 में से 8 बच्चों को सांस की समस्या है। वर्षों की चर्चा के बाद, कई सरकारी संस्थाओं के बीच चिंता / समन्वय की निरंतर कमी क्यों है?दिल्ली NCR धुआँ-धुआँ है!
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 3, 2022
अस्पताल साँस, दिल और फेफड़े के मरीजों से भरे पड़े हैं। हर परिवार जिसे मैं जानता हूँ वहाँ कोई न कोई खांसी, जुकाम और जकड़न से जूझ रहा है।
इस विकराल समस्या के निदान के प्रति न सरकार गंभीर है न जनता।
कहीं पराली, कहीं पटाखे, अपनों को ही जहर परोसना बंद करिए। pic.twitter.com/sUDL4ojTrv
8 out of 10 children in Delhi-NCR have respiratory problems.
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 3, 2022
After years of discussions, why is there a continuing lack of concern/coordination between multiple government entities?
Is the cost of solving the problem higher than lifetime respiratory care for 46 million people?