नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या के इस बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत तथा सच्चाई से परे बताया है कि उसने विदेश जाने से पहले उनसे मुलाकात कर बकाया ऋण निपटाने की पेशकश की थी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ब्रिटेन में रह रहे विजय माल्या ने लंदन की एक अदालत में उसके प्रत्यर्पण पर सुनवाई के लिए पेशी से पहले संवाददाताओं से कहा कि भारत छोड़ने से पहले वह वित्त मंत्री से मिला था और बैंकों का बकाया कर्ज निपटाने की पेशकश की थी।
जेटली ने कहा 'विजय माल्या का मुझसे मिलने और कर्ज निपटाने की पेशकश की बात तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि यह सच्चाई से परे है।' उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से उन्होंने माल्या को कभी मिलने के लिए समय नहीं दिया, इसलिए उससे मिलने का सवाल ही नहीं पैदा होता।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यसभा का सदस्य होने के नाते माल्या कभी-कभार संसद आ जाते थे और एक दिन उन्होंने अचानक संसद के गलियारे में उनके पास आकर कहा कि वह बैंकों से लिए गए कर्ज को निपटाने के बारे में कुछ पेशकश करना चाहते हैं।
जेटली ने कहा 'मुझे माल्या के झूठों के बारे में पहले बताया जा चुका था और इसलिए मैंने शिष्टता पूर्वक उनसे कहा 'मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है। आपको अपने बैंकरों से बात करनी चाहिए। मुझे पता था कि बैंकों का ऋण चुकाने की उसकी कोई मंशा नहीं है।'
जेटली ने कहा कि माल्या अपने साथ जो कागजात लेकर आए थे, वे भी उन्होंने नहीं लिए। माल्या ने इस मौके का राज्यसभा सदस्य होने के नाते गलत लाभ उठाया लेकिन मैंने उनसे सिर्फ एक वाक्य कहा। इसके अलावा कभी भी न तो अपने कार्यालय में और न घर पर उन्हें मिलने का समय दिया। (वार्ता)