खुद को कृष्ण समझने वाला बाबा वीरेन्द्र देव अपने आश्रम में 'रासलीला' की शिक्षा देता था। वह खुद को कृष्ण का अवतार बताता था। भगवान कृष्ण की तरह 16 हजार पत्नियों के ख्वाब उसने देख रखे थे।
खुद को बताता था कृष्ण का अवतार : यह खुलासा इंदौर के आश्रम में हुई जांच में हुआ है। दिल्ली से फरार कथित आध्यात्मिक बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित का इंदौर में भी आश्रम है। यहां तीन से चार लड़कियां रहती हैं। आश्रम में जब्त जब्त किताबों और कॉपियों से पता चला है कि बाबा खुद को कृष्ण का अवतार बताता था। वह 16 हजार रानियों के स्वप्न देखता था। कॉपियों में द्विअर्थी बातें लिखी हैं। पुलिस हैंड राइटिंग और कॉपियों की जांच की जा रही है।
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के अनुसार समीप फरार वीरेंद्र दीक्षित के आध्यात्मिक विश्वविद्यालय की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। आश्रम में मिली एक किशोरी से एक कॉपी भी जब्त हुई है। इस कॉपी में द्वअर्थी बातें लिखी हुई है। उसके अनुयायी बाबा की ही पूजा करता थे।
वह आश्रम में रहने वाली युवतियों को रासलीला के बारे में शिक्षा देता था। कुछ लोगों ने पुलिस को यह भी बताया कि बाबा भगवान कृष्ण की तरह जीना चाहता था। उसका मकसद कई महिलाओं से संबंध बनाना था। पुलिस के मुताबिक बाबा देशभर में भ्रमण करता रहता था। वह जुलाई में इंदौर आया था। इस दौरान करीब 100 लोगों ने उसके प्रवचनों में भाग लिया था।
नहीं थी टीवी और अखबार की इजाजत : पुलिस के अनुसार वीरेंद्र के आश्रम में रहने वाली लड़कियों को बाहरी दूनिया से दूर रखा जाता था। उन्हें टीवी और अखबार पढ़ने की भी इजाजत नहीं थी। आश्रम के पदाधिकारी सिर्फ बाबा की आराधना सिखाते थे। दिल्ली मुख्यालय से समय-समय पर डीवीडी, सीडी और साहित्य आते रहते थे। किशोरियों को माउंट आबू, कंपेल (यूपी) सहित कई आश्रमों में रखा जाता था। (एजेंसियां)