पंजाब की पराली पर BJP और AAP में ठनी, तेज हुई जुबानी जंग

Webdunia
शुक्रवार, 4 नवंबर 2022 (08:40 IST)
दिल्ली में खराब होती वायु गुणवत्ता और पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं के बीच भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा ने ‘आप’ पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को 'गैस चेंबर' में तब्दील कर दिया गया है। दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पराली जलाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा पंजाब व दिल्ली को जिम्मेदार ठहराने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
 
राजधानी गैस चेंबर में तब्दील : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आप पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब में 2021 की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ ने राष्ट्रीय राजधानी को 'गैस चेंबर' में तब्दील कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने ही निर्वाचन क्षेत्र संगरूर में किसानों को राहत देने में विफल रहे हैं।
 
यादव के मुताबिक संगरूर में पिछले वर्ष 15 सितंबर से दो नवंबर के दौरान पराली जलाने की 1,266 घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन इस बार इसमें 139 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह संख्या बढ़कर 3,025 हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में केंद्र सरकार ने पंजाब को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों के लिए 1,347 करोड़ रुपए दिए। राज्य ने 1 लाख 20 हजार मशीनें खरीदीं। इनमें से 11 हजार 275 मशीनें गायब हो गई हैं।
 
केजरीवाल और मान से इस्तीफा मांगा : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि दिल्ली और पंजाब के लोग हवा में ‘जहर’ के लिए अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकारों को दोष दे रहे हैं। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब में पराली जाने के मामलों की संख्या पिछले साल 7,648 थी जो इस साल बढ़कर 10,214 हो गई है। भाटिया ने प्रदूषण के चलते केजरीवाल और मान से इस्तीफा मांगा है। 
केन्द्र ने नहीं की मदद : दूसरी ओर, पंजाब के मुख्‍यमंत्री ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पंजाब ने पराली के स्थायी समाधान के लिए प्रस्ताव दिया तो केंद्र सरकार ने इसमें हमारी मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि बात-बात पर केन्द्र सरकार पंजाब के किसानों को दोषी ठहराती है। 
 
मान ने कहा कि हरियाणा और यूपी के शहर प्रदूषित शहरों की सूची में हैं, लेकिन उनकी चर्चा नहीं होती। फसल लेते वक्त पंजाब का किसान अन्नदाता बन जाता है, जबकि अन्न लेने के बाद किसानों को खरी-खोटी सुनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब के किसानों से सौतेला व्यवहार कर रही है। पराली का मुद्दा कई वर्षों से गंभीर है। 
 
पंजाब के मुख्‍यमंत्री ने कहा कि केन्द्र ने इस मामले में हमारे प्रस्ताव को ठुकरा दिया। हमने कहा था कि केंद्र प्रति एकड़ 1500 रुपए किसानों को पराली के निस्तारण के लिए मदद करे। राज्य सरकार भी इसमें राशि देगी, लेकिन केंद्र ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब का किसान खुद पराली नहीं जलाना चाहता क्योंकि इससे उसके परिवार और गांव को भी नुकसान होता है। 
 
मोरबी की घटना से ध्यान हटाने की कोशिश : वहीं, आप की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार राष्ट्रीय हरित अधिकरण के माध्यम से पंजाब में अधिकारियों पर किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मामले दर्ज करने का दबाव बना रही है। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करने वाले किसानों से भाजपा बदला लेने की कोशिश कर रही है। कांग ने कहा कि हरियाणा के कई शहरों में वायु की गुणवत्ता पंजाब की तुलना में बहुत खराब होने के बावजूद, भाजपा लगातार राज्य के किसानों को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है।
‍दिल्ली में जीवन प्रत्याशा घटी : शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट की से जारी वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक के अनुसार दिल्ली के लोगों की जीवन प्रत्याशा घटिया वायु गुणवत्ता के चलते 10 साल घट गई है। पंजाब में बुधवार को पराली जलाने की 3,634 घटनाएं हुई थीं जो इस मौसम में इस तरह की यह सबसे अधिक घटनाएं हैं। मंगलवार को ऐसी 1842, सोमवार को 2132, रविवार को 1761, शनिवार को 1898 और शुक्रवार को 2067 घटनाएं हुई थीं।
 
इस बीच, हरियाणा में कई स्थानों पर गुरुवार शाम को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'खराब', 'बहुत खराब' और 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि पंजाब में वायु गुणवत्ता 'मध्यम', 'खराब' और 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। (वेबदुनिया/एजेंसियां) 
Edited By: Vrijendra Singh Jhala 
 

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