Book Madam Commissioner: मुंबई के आतंकी हमले में शामिल अजमल कसाब को लेकर कई तरह की खबरें सामने आई थी, इनमें से एक खबर थी उसे बिरयानी खिलाने को लेकर। जिसे लेकर देशभर में जमकर विवाद हुआ था।
हाल ही में पूर्व आईपीएस मीरा बोरवणकर की किताब से यह मुद्दा एक बार फिर से चर्चा में है। दरअसल, हाल ही में उनकी एक किताब प्रकाशित हुई है। इस किताब में आतंकी अजमल कसाब और उसकी फांसी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी भी सामने आई हैं। बता दें कि अजमल कसाब को मीरा बोरवणकर की देख-रेख में ही फांसी दी गई थी।
कसाब को नहीं दी गई बिरयानी: बोरवणकर ने अपनी किताब में दावा किया है कि जेल में कभी भी कसाब को बिरयानी जैसी कोई स्पेशल डिश नहीं परोसी गई थी। उन्होंने किताब में आगे लिखा है कि मैंने जब भी कसाब से बात की, तो वह शांत रहता या मुस्कुराता था। मैं जब भी कसाब से आर्थर रोड मिलने जाती तो हाई सिक्योरिटी से गुजरना पड़ता। जेल में कसाब के सुरक्षा का जिम्मा इंडियन टिबेटियन बॉर्डर पुलिस का था। सुरक्षा के लिहाज से केंद्र की यह फोर्स राज्य के पुलिस से काफी प्रोफेशनल है। सुरक्षा का बाहरी घेरा इंडियन टिबेटियन बॉर्डर पुलिस का था जबकि अंदरूनी सुरक्षा जेल के सबसे काबिल अफसरों पर थी। उन्होंने आगे लिखा है कि जेल के अधिकारी और डॉक्टर्स कसाब के स्वास्थ्य और डाइट का विशेष ध्यान रखते थे। मुझे जेल के अफसरों द्वारा बताया गया कि कसाब जेल के अंदर कसरत करके अपने आप को व्यस्त रखता।
क्या हुआ था 29/11 को : बता दें कि अजमल कसाब और उसके अन्य 9 साथियों ने मिलकर 26 नवंबर 2008 की रात मुंबई पर अटैक किया था। आधुनिक हथियारों से लैस यह आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे थे। 10 आतंकियों ने मिलकर सीएसटी रेलवे स्टेशन, ताज होटल, ओबेरॉय होटल जैसे महत्वपूर्ण ठिकाने को एक साथ निशाना बनाया था। इस दौरान लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई, हैंड ग्रेनेड फेंके गए थे। हालांकि, इस हमले के दौरान जवाबी कार्यवाही में अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था और बाकी 9 अन्य आतंकी मार गिराए गए थे।
ट्रायल के बाद 3 मई 2010 को अजमल कसाब को विशेष कोर्ट द्वारा मुंबई हमले का दोषी करार दिया गया और 6 मई को उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। अजमल कसाब पकिस्तान का रहने वाला था, वह आतंकी संगठन लश्कर- ए-तैयबा से जुड़ा था और पकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में उसने ट्रेनिंग ली थी।
Edited By : Navin Rngiyal