मुनीर ट्रंप की मुलाकात से भड़का Iran, पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिकी उपराष्ट्रपति और रक्षामंत्री पीट हेगसेथ के साथ बैठक
Iran warns to Pakistan: ईरान और इजराइल के बीच चल रही जंग के दौरान ईरान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि युद्ध में कोई तीसरा पक्ष कूदा तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास के उप मिशन प्रमुख जावेद हुसैनी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान को समझना चाहिए कि अगर इजराइल को आज नहीं रोका गया तो आगे कई और देश इजराइल का हमला झेलेंगे। हुसैनी ने कहा कि आशा है पाकिस्तान ईरान के साथ खड़ा होगा। हुसैनी ने कहा कि हमारा मानना है कि भारत सहित हर देश को इजराइली सैन्य कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए, ईरान के साथ उनके संबंधों के कारण नहीं बल्कि इसलिए कि यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
दूसरी ओर, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची शीर्ष राजनयिकों के साथ वार्ता के लिए जिनेवा पहुंच गए हैं। वहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ इयाल जमीर, रक्षामंत्री इजराइल काट्ज तथा सामरिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर ने गुरुवार रात अमेरिका के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और रक्षामंत्री पीट हेगसेथ भी शामिल हुए।
दरअसल, हुसैनी का यह बयान उस सवाल के जवाब में आया, जब उनसे व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की मुलाकात को लेकर सवाल किया गया था। हुसैनी ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि अगर कोई तीसरा पक्ष इस जंग में शरीक होता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।ऐसी अटकलें हैं कि वाशिंगटन तेहरान पर हमला करने का फैसला करने की स्थिति में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है।
हमारे पास अघोषित शक्तियां हैं : ईरानी राजदूत हुसैनी ने कहा कि यह जंग इजराइल और ईरान के बीच की है। किसी तीसरे पक्ष का इस जंग में शामिल होने से मामला और बिगड़ सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास कुछ अघोषित शक्तियां हैं। हमने उन्हें भविष्य के लिए सुरक्षित रखा है। ईरानी अधिकारी ने कहा कि हमने असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा को नोटिस किया है। कुछ हफ्ते पहले ही मुनीर ने ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से भी मुलाकात की थी। हुसैनी ने सवाल किया कि आखिर पाकिस्तान किसके पक्ष में खड़ा है। ईरान जो उसका पड़ोसी है या फिर अमेरिका?
भारत से और उम्मीदें : हुसैनी ने कहा कि ईरान को भारत से भविष्य में और समझ और सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि भारत को लेकर ईरान में नाराजगी है। ईरानी राजनयिक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) इजराइल के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने परमाणु हस्ताक्षर संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।
अराघची जिनेवा पहुंचे : दूसरी ओर, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची शुक्रवार को जिनेवा में शीर्ष यूरोपीय राजनयिकों के साथ वार्ता के लिए पहुंचे। वार्ता का केंद्र उनके देश के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित चिंताएं हैं। यह वार्ता लंबे समय से चले आ रहे विवाद के इजराइल और ईरान के बीच युद्ध में बदल जाने के एक सप्ताह बाद हो रही है। अराघची फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के अपने समकक्षों तथा यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख के साथ बैठक के लिए शहर के एक होटल में पहुंचे। संघर्ष की शुरुआत के बाद से यह पश्चिमी देशों और ईरानी अधिकारियों के बीच पहली आमने-सामने की बैठक है। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala