चीन और पाकिस्तान का परोक्ष संदर्भ देते हुए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को कहा कि उच्च स्तर का गठजोड़ है, जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में एक परिचर्चा सत्र के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच निकटता पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, इसका मतलब क्या है, जहां तक मेरा संबंध है, दो-मोर्चों पर खतरा एक वास्तविकता है।
सत्र के दौरान, सेना प्रमुख ने भविष्य के लिए सेना की तैयारियों, जारी संघर्षों से सबक, बांग्लादेश, नियंत्रण रेखा (एलओसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति से जुड़े कई सवालों पर अपने विचार रखे।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती करीबी से जुड़े सवाल पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि अब, दूसरी बात जो आप कह रहे हैं, वह है हमारे पश्चिमी पड़ोसी और बांग्लादेश के बीच संबंध या सहयोग है।
उन्होंने कहा कि जहां तक मेरा सवाल है, क्योंकि मैंने कहा है कि आतंकवाद का केंद्र एक विशेष देश में है, उनके मेरे किसी पड़ोसी देश से संबंध है, मुझे चिंतित होना चाहिए, क्योंकि आतंकवाद के लिए उस देश का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो आज मेरी प्रमुख चिंता है।
जनरल ने कहा कि बांग्लादेश की भूमिका पर सवाल उठाना बहुत जल्दी होगा, जहां सरकार परिवर्तन से इसके और भारत के बीच संबंधों में बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा कि क्योंकि जहां तक मेरा सवाल है, मैं बहुत स्पष्ट हूं, वर्तमान में (दोनों देशों के बीच) सैन्य संबंध बहुत मजबूत हैं। हम किसी भी तरह की गलत सूचना से बचने के लिए नियमित रूप से संचार का आदान-प्रदान करते हैं। उनसे यह भी पूछा गया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान-चीन समीकरण को कैसे देखा।
सेना प्रमुख ने कहा कि हमें यह बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि उच्च स्तर का गठजोड़ है, जिसे हमें स्वीकार करना चाहिए। आभासी क्षेत्र के संदर्भ में, यह लगभग 100 प्रतिशत है जबकि भौतिक संदर्भ में, मैं कहूंगा कि अधिकांश उपकरण चीन निर्मित हैं।
नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि 2018 से आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 83 प्रतिशत की कमी आई है, साथ ही भर्ती में भी कमी आई है। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रियों की संख्या बढ़कर पांच लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा मारे गए 60 प्रतिशत आतंकवादी पाकिस्तान मूल के थे। उन्होंने कहा कि घाटी और पीर पंजाल के दक्षिण में बचे हुए आतंकवादियों में से लगभग 80 प्रतिशत पाकिस्तानी आतंकवादी हैं।
सेना प्रमुख ने अग्निपथ योजना के बारे में कहा कि मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह योजना बहुत सफल साबित हो रही है। हमारे पास सर्वश्रेष्ठ लोग आ रहे हैं। (भाषा)