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SIR क्या है बिहार के बाद कौनसे 12 राज्यों में होगा लागू, CEC ज्ञानेश कुमार ने क्या बताया

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , सोमवार, 27 अक्टूबर 2025 (19:11 IST)
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद शुरू होगी। दूसरे चरण में छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में एसआईआर कराया जाएगा।
क्या है SIR 
मतदाता सूची में नामों की शुद्धता, नए नाम जोड़ना, काटना, सुधार करना और स्थानांतरण सुनिश्चित करना होता है। जब निर्वाचन आयोग को लगता है कि मतदाता सूची बहुत अधिक असंतुलित हो गई है (उदाहरण के लिए- मृत व्यक्तियों के नाम, डुप्लीकेट प्रविष्टियां, अपूर्ण जानकारी) और जब आम मतदाता पुनरीक्षण (Annual Revision) से इसे ठीक करना पर्याप्त नहीं होता है तब निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को अपनाया जाता है.
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में पहले चरण की सफलता के बाद, निर्वाचन आयोग ने प्रगति की समीक्षा करने और भविष्य के दिशानिर्देश निर्धारित करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 36 मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक की।
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भारत के मतदाता सूचियों का रखरखाव निर्वाचन आयोग द्वारा ERO और BLO के माध्यम से किया जाता है, जहां औसतन प्रत्येक 1,000 मतदाताओं के लिए एक मतदान केंद्र निर्धारित होता है ERO, जो आमतौर पर उप-मंडलाधिकारी (Sub-Divisional Magistrate) होते हैं, मतदाता सूची तैयार करने की ज़िम्मेदारी निभाते हैं, किसी भी आपत्ति या अपील को राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी (State CEO) तक ले जाया जा सकता है मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में हाल ही में हुई SIR प्रक्रिया में एक भी अपील दर्ज नहीं की गई, जो अधिकारियों और मतदाताओं के बीच प्रभावी समन्वय को दर्शाता है।
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बिहार मॉडल पर आधारित मतदाता सूची प्रबंधन प्रणाली के तहत, अनुपस्थित, स्थानांतरित, दिवंगत या डुप्लिकेट मतदाताओं की पहचान कर सूची को अद्यतन किया जाता है।
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उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट सूची नोटिस बोर्ड और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती है, असत्यापित प्रविष्टियों पर सुनवाई और सत्यापन किया जाता है, जबकि नागरिक नाम जोड़ने, संशोधन या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।स्वयंसेवक कमजोर मतदाताओं की मदद करते हैं, और यह पूरी प्रक्रिया अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन तथा अपील के प्रावधानों के साथ पूरी होती है।
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BLO वर्तमान मतदाता विवरण के साथ विशिष्ट गणना प्रपत्र वितरित करेंगे, मतदाता यह सत्यापित कर सकते हैं कि उनका या उनके माता-पिता का नाम 2003 की सूची में था या नहीं-यदि हाँ, तो किसी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं है, 2002-2004 की मतदाता सूचियाँ स्व-सत्यापन के लिए http://voters.eci.gov.in पर उपलब्ध होंगी।  Edited by : Sudhir Sharma

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