POK पर अमित शाह, मोदी का क्या है प्लान? पीओके की अवाम बोली भारत में शामिल करो
, बुधवार, 15 मई 2024 (14:51 IST)
Protest in Pakistan Occupied Kashmir: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में पिछले कई दिनों से हालात बुरी तरह बिगड़े हुए हैं। महंगाई, बढ़ते बिजली बिल, भ्रष्टाचार और टैक्स के खिलाफ वहां की अवाम परेशान हो कर सड़क पर उतर आई है। पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद और अन्य स्थानों पर लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। हालांकि प्रदर्शन से दबाव में आई पाकिस्तानी सरकार ने पैकेज की घोषणा कर दी है। प्रदर्शनकारी पाकिस्तान से चाहिए आजादी जैसे नारे लगा रहे हैं।
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क्यों भड़की पीओके में हिंसा : पीओके में गेहूं के आटे, बिजली की ऊंची कीमतों और अधिक टैक्स के खिलाफ लगातार कई दिनों से हड़ताल और प्रदर्शन जारी हैं। पूर्ण हड़ताल की वजह से क्षेत्र में अशांति बढ़ गई है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि बीते शनिवार को पुलिस और मानवाधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं, जिसमें एक पुलिस अफसर की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 6 अन्य लोग घायल हो गए। दरअसल राशन, ईंधन और उपयोगी सामान की बढ़ती कीमतों के विरोध में में हड़ताल के दौरान क्षेत्र के व्यापारियों के नेतृत्व वाले संगठन संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी के लगभग 70 सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी थी।
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उल्लेखनीय है कि अगस्त 2023 में भी बढ़े हुए बिजली बिलों के खिलाफ ऐसे ही विरोध प्रदर्शन और आम हड़ताल के कारण PoK की राजधानी और सबसे बड़े शहर मुजफ्फराबाद में सार्वजनिक परिवहन, दुकानें, बाजार और व्यवसाय बंद हो गए थे। इस बार भी PoK के नेता क्षेत्र में बिजली वितरण में इस्लामाबाद सरकार द्वारा कथित भेदभाव का विरोध कर रहे हैं। पीओके के समहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरत्ता, तत्तापानी, हट्टियन बाला में विरोध प्रदर्शन हुए।
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पाकिस्तान सरकार झुकी : हालांकि सरकार को क्षेत्र में बढ़ती अशांति को खत्म करने के लिए तत्काल 23 अरब रुपए आवंटित करने पड़े। पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवार-उल- हक ने शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के तत्काल बाद बिजली दरों में कटौती की घोषणा की। हक ने कहा कि निवासी पिछले कुछ दिनों से सस्ती बिजली और आटा सब्सिडी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी सुलभ बिजली और सस्ती रोटी की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।
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क्या कहते हैं भारत के नेता : मोदी सरकार के प्रमुख मंत्री चाहे वो अमित शाह हों, राजनाथ सिंह या जयशंकर लगातार पीओके पर अपना दावा कर रहे हैं। उनका मानना है कि पीओके को जबरन हासिल करने की जरूरत नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से खुशहाली लौटी है, उसे देखकर खुद पीओके की आवाम खुद भारत में शामिल होने की मांग करने लगेगी। हालांकि कई चुनावी रैलियों में अमित शाह और राजनाथ सिंह कह चुके हैं कि पीओके भारत का हिस्सा हैं और इसे हम लेकर रहेंगे। असम के मुख्यमंत्री ने अपने ताजा बयान में कहा है कि यदि भाजपा को 400 सीटें मिलती हैं तो पीओके को भारत में मिला लिया जाएगा। इन बयानों से पाकिस्तान में खलबली मीच हुई है।
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हाल के प्रदर्शनों में खुद पीओके की आवाम अब भारत में शामिल होने की मांग करने लगी है। इसका एक बड़ा कारण है कि भारत शुरू से दावा करता रहा है कि पीओके भारत का हिस्सा है और उसे वापस लेकर रहेगा। पीएम मोदी ने भी एक सभा में कहा है कि कुछ नेता कहते हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं। अरे भाई, हम पहना देंगे। उनको आटा भी चाहिए, बिजली भी नहीं है। अब हमको मालूम नहीं था कि उनके पास चूड़ियां भी नहीं हैं। हालांकि यह भी ध्यान देने वाली बात है कि पीओके के वायरल हो रहे वीडियो में वहां के निवासी न सिर्फ पाकिस्तान से बल्कि भारत से भी आजादी मांग रहे हैं।
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