नई दिल्ली। अडाणी ग्रुप ने 20 हजार करोड़ के एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद वापस लिया और निवेशकों को उनके पैसे लौटाने का फैसला किया। हालांकि अडाणी ग्रुप के फैसले से निवेशक निराश है। लोग हैरान हैं कि बेहतरीन प्रतिसाद मिलने के बाद भी अडाणी ने FPO वापस क्यों ले लिया?
दरअसल ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट सुइस ने लोन के लिए अडाणी ग्रुप द्वारा जारी किए जा रहे बांडों को अस्वीकार करना शुरू कर दिया है। इन बांडों की गारंटी पर क्रेडिट सुइस भागीदार बैंकों को लोन उपलब्ध कराता है। कहा जा रहा है कि इस फैसले के बाद अडाणी ग्रुप बैकफुट पर आ गया। हालांकि क्रेडिट सुइस ने इस मामले में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उतरा बाजार का बजट का खुमार : बजट से पहले अडाणी के शेयरों को पूर्ण अभिदान मिलने की खबर ने निवेशकों का उत्साह बढ़ा दिया था। बहरहाल ब्लूमबर्ग की क्रेडिट सुइट संबंध रिपोर्ट ने शेयर बाजार का बजट का खुमार उतार दिया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण खत्म होते ही सेंसेक्स 1223 अंक ऊपर चला गया था 158 अंकों की तेजी के साथ बंद हुआ। अब निवेशकों के साथ ही दुनिया भर के वित्त विशेषज्ञों की नजर इस बात पर लगी हुई है कि भारतीय शेयर बाजार कैसे इस संकट से जल्द से जल्द उबरते हैं।
शेयरों में भारी गिरावट : हिंडनबर्ग रिसर्च की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। अडाणी ग्रुप के शेयर- अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पॉवर, अडाणी पोर्ट्स, अडाणी टोटल गैस, अडाणी ग्रीन, अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी विल्मर, एसीसी और अंबुजा दबाव में रहे। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में समूहों की कंपनियों का सामूहिक बाजार पूंजीकरण सात लाख करोड़ रुपए घट गया है।
क्या बोले अडाणी : कारोबारी गौतम अडाणी ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद कल उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी, लेकिन बुधवार को बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड को लगता है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।
FPO क्या होता है : FPO को फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर भी कहा जाता है। इसके माध्यम से कंपनी फंड जुटाती है। शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनी निवेशकों के लिए नए शेयर ऑफर करती है। ये शेयर बाजार में मौजूद शेयरों से अलग होते हैं। ज्यादातर ये शेयर प्रमोटर्स जारी करते हैं। FPO का इस्तेमाल कंपनी के इक्विटी बेस में बदलाव करने के लिए होता है।
कैसा था अडाणी का FPO : अडाणी ग्रुप का 20,000 करोड़ का FPO 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 31 जनवरी को बंद हुआ। इसका प्राइस बैंड 3,112-3,276 रुपए प्रति शेयर रखा गया था। कंपनी इन पैसों से मौजूदा कर्ज को कम करने के साथ एक्सपेंशन लिए अतिरिक्त पूंजी जुटाना चाहती थी। इसे बाजार में पूर्ण अभिदान मिला था।
FPO सब्सक्रिप्शन के लिए खुलता उससे पहले ही हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर बवाल मच गया। कंपनी को उसका भारी नुकसान उठाना पड़ा। करोड़ों का नुकसान तो हुआ ही साख भी बुरी तरह प्रभावित हुई।
अंबानी से पिछड़े अडाणी : फोर्ब्स बिलेनियर्स लिस्ट में 2022 के अंत में नंबर 3 पर रहे गौतम अडाणी इस सूची में अब 15वें नंबर पर आ गए हैं। उनकी संपति घटकर 6.11 लाख करोड़ रुपए रह गई। 6.84 लाख करोड़ की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी एक बार फिर सबसे अमीर भारतीय बन गए हैं।
मामले में राजनीति भी गर्म : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, अडाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात कहना वैसे ही है जैसे उनके प्रधान मेंटर द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना। यह एंटायर पॉलिटिकल साइंस है।