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महाराष्ट्र की सियासी महाभारत में अब आगे क्या?, 7 प्वांइट से समझे हर संभव दांवपेंच

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विकास सिंह

, गुरुवार, 23 जून 2022 (13:10 IST)
महाराष्ट्र में सियासी संकट का आज तीसरा दिन है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री निवास छोड़कर मातोश्री में शिफ्ट होने जाने के बाद अब सियासी लड़ाई काफी दिलचस्प हो  गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भले ही मातोश्री शिफ्ट हो गए लेकिन उन्होंने पूरी तरह से हथियार नहीं डाले है। इस बीच बागी नेता एकनाथ शिंदे ने 34 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को भेजा है। वहीं एकनाथ शिंदे कैंप ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम खुल पत्र जारी कर नया दांव चल दिया है।
 
ऐसे में अब पूरे देश की निगाहें इस बात पर लग गई है कि महाराष्ट्र की राजनीति में आगे क्या होने वाला है। 'वेबदुनिया' ने संविधान विशेषज्ञों और राजनीति के जनाकरों से बात कर महाराष्ट्र में आने वाले समय में क्या हो सकता है इसको लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।  
 
1-मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस्तीफा दें-महाराष्ट्र में ताजा सियासी हालात में महाविकास अघाड़ी सरकार की सत्ता से विदाई अब तय हो गई है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ 40 से अधिक विधायकों के जाने के बाद उद्धव सरकार पर संकट गहरा गया है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने इस्तीफा देने के अलावा अन्य विकल्प बहुत कम बचे है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री निवास छोड़कर मातोश्री शिफ्ट होने से इस बात की संभावना जताई जा रही है कि उद्धव ठाकरे जल्द मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें दे।
2-एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ सरकार बनाए-अगर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले इस्तीफा दे दते है तो महाराष्ट्र में सियासी लड़ाई इस मोड़ पर आकर खड़ी हो जाएगी किबागी नेता एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों और निर्दलीय विधायकों को एक साथ लेकर भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बना सकते है। अगर एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाते है तो वह नई सरकार में डिप्टी सीएम बन सकते है वहीं एकनाथ शिंदे के साथ बागी होने वाले विधायक नई सरकार में मंत्री बन जाए। 
 
3-शिवसेना भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाए- एकनाथ शिंदे की बगावत और उनको शिवेसना विधायकों का बड़ी संख्या में खुले समर्थन के बाद अब शिवसेना की अस्तित्व पर ही सवाल उठने लगे है। ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पार्टी को बचाने के लिए उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बना लें। 

इस बात की संभावना इसलिए भी है क्योंकि बागी नेता एकनाथ शिंदे लगातार खुद को पक्का शिवसैनिक बताते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भाजपा के साथ गठबंधन की मांग कर रहे है। एकनाथ शिंदे का आरोप है कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन से शिवसेना को नुकसान हो रहा है।  
 
बुधवार शाम उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र की जनता के नाम दिए गए भावुक संदेश के बाद कयास इस बात के भी लगाए जा रहे है कि शिवसेना में होने वाली टूट को रोकने की आखिरी कोशिश में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री के साथ पार्टी प्रमुख का भी पद छोड़ दें। वहीं महाराष्ट्र की राजनीति के जानकार इस पूरे एपिसोड को शिवसेना के अंदरूनी दांवपेंच से भी जोड़कर देख रहे है।  
 
4-महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से सरकार का फैसला-महाराष्ट्र में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच सरकार में कौन रहेगा इसका फैसला फ्लोर टेस्ट से भी हो सकता है। अगर सियासी संकट ज्यादा दिन खींचता है तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने को कह सकते है। वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा भी राज्यपाल से उद्धव सरकार के अल्पमत में होने का हवाला देकर फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकती है। 

फ्लोर टेस्ट के दौरान अगर एकनाथ शिंदे के साथ बागी हुए विधायक दलबदल के दायरे में आ जाते है और उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाती है और फ्लोर टेस्ट में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बहुमत हासिल कर लेते है तो महाविकास अघाड़ी सरकार बच जाएगी। अगर उद्धव सरकार फ्लोर टेस्ट में विफल साबित होती है तो राज्यपाल विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुला सकते है। 
5-विधानसभा भंग औऱ राष्ट्रपति शासन–महाराष्ट्र में अगर एकनाथ शिंदे अपने साथ शिवसेना के 37 विधायकों को नहीं ले जा पाते है और बागी होने वाले विधायक दलबदल कानून के दायरे में आकर अपनी सदस्यता खो देते है और विधानसभा में कोई भी दल सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आता है तो राज्यपाल विधानसभा भंग कर सकते है और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के साथ महाराष्ट्र मध्यावाधि चुनाव की ओर बढ़ सकता है।  
 
6-शिवसेना में टूट और एक नई पार्टी का गठन-एकनाथ शिंदे अगर अपने साथ शिवसेना के 37 से अधिक विधायक ले जाने में सफल हो जाते है तो संभव है कि वह शिवसेना से अलग होकर एक नई पार्टी का गठन करें और विधानसभा में डिप्टी स्पीकर बागी नेताओं को एक नए दल के रूप में मान्यता दें। हलांकि डिप्टी स्पीकर नरहरि साफ कर चुके है और बागी विधायकों को पहले मुंबई आना होगा और इसके बाद इस पर वह कोई फैसला लेंगे।  

7-एकनाथ शिंदे बन जाएं गठबंंधन सरकार के नेता-महाराष्ट्र की सियासत की लड़ाई में एक संभावना इस बात की भी है महाविकास अघाड़ी गठबधंन सरकार के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हो जाए और कांग्रेस और एनसीपी उनका समर्थन कर दें। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक बुधवार रात शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकत में पार्टी के अंदर विद्रोह को कम करने के लिए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव दिया। अगर ऐसा होता है तो महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी अपनी सरकार बचाने में सफल हो जाएगी। महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई अब इस मोड़ पर आकर खड़ी हो गई है कि इस बात की संभावन बहुत कम है।

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