AIIMS समेत देश के 21 बड़े अस्पतालों में सुपरबग का खतरा, ICMR का खुलासा, कितना खतरनाक है?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 11 सितम्बर 2024 (12:44 IST)
इलाज के दौरान मरीज को ठीक करने के लिए कई तरह की दवाइयों का इस्तेमाल होता है। इन दवाइयों का इस्तेमाल करने के बाद अच्छे से डिस्पोज करना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। अगर इन दवाओं को ठीक से डिस्पोज नहीं किया गया तो इससे मानव शरीर को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचता है। ICMR की ताजा रिपोर्ट में इसी सुपरबग्‍स को लेकर खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के 21 बड़े अस्पताल में सुपरबग पाया गया है। इसमें ओपीडी से लेकर वार्ड और आईसीयू तक शामिल हैं। पहले जानते हैं क्‍या होता है सुपरबग।

क्‍या होता है सुपरबग : दरअसल, जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या पैरासाइट्स समय के साथ बदलते हैं और दवाओं का उन पर असर नहीं होता है, एंटीमाइक्रोबायल रेजिस्टेंट (AMR) पैदा होता है। ऐसे समय में संक्रमण का इलाज काफी मुश्किल हो जाता है। सुपरबग को एंटीबायोटिक-रेसिस्टेंट बैक्टीरिया भी कहते हैं।

OPD और ICU में मिला सुबरबग: ICMR  की Antimicrobial Resistance Research & Surveillance Network की सालाना रिपोर्ट में सामने आया है कि देश के 21 बडे अस्‍पतालों में सुपरर्बग श्रेणी के जोखिम भरे बैक्टीरिया पाए गए जो OPD वार्ड और ICU तक में मौजूद हैं। ये वो हॉस्पिटल हैं, जहां देश कि सबसे ज्यादा आबादी इलाज के लिए पहुंचती है। इसमें दिल्ली एम्स से लेकर चंडीगढ़ PGI और दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल से लेकर चेन्नई का अपोलो अस्पताल शामिल है।

कैसे मिला सुपरबर्ग : हालांकि सामने आया ये डेटा 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 के बीच का है। इसमें अस्पताल पहुंचने वाले करीब 1 लाख मरीज के ब्लड, मल मूत्र, पस, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से CSF नमूने लेकर जांच की गई। जांच में घातक बैक्टीरिया और सुपरबग की पहचान की गई तो करीब 10 तरह के घातक बैक्टीरिया मिले हैं। ये लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुपरबग की श्रेणी में आते हैं।

कौन-कौन से रोगजनक मिले : क्लेबसिएला निमोनिया, एस्चेरिचिया कोलाई के अलावा एसिनेटोबैक्टर बाउमानी, स्यूडोमोनास एरुगिनोसा, स्टैफिलोकोकस ऑरियस, एंटरोकोकस फेकेलिस, एंटरोकॉकस फेसियम, स्टैफाइलोकोकस हेमोलिटिकस, स्टैफिलोकोकस एपिडर्मिडिस और एंटरोबैक्टर क्लोएसी शामिल है।

इन अस्पतालों में मिला सुपरबग : आईसीएमआर ने देश में 4 संस्थान को नोडल केंद्र बनाया है। इसमें दिल्ली एम्स, चंडीगढ़ पीजीआई, सीएमसी वैल्लोर और पांडिचेरी स्थित जेआईपीएमईआर शामिल हैं। इन अस्पतालों के साथ साथ दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली एम्स ट्रामा सेंटर और उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित केजीएमयू में मरीजों का नमूना लिया है। इनके अलावा पुणे स्थित एएफएमसी, भोपाल एम्स, जोधपुर एम्स, अपोलो अस्पताल चैन्ने, असम मेडिकल कॉलेज, कोलकाता मेडिकल कॉलेज, कोलकाता स्थित टाटा मेडिकल कॉलेज, इम्फाल स्थित रिम्स, मुंबई का पीडी हिंदुजा अस्पताल, वर्धा स्थित एमजीआईएमएस, मणिपाल स्थित केएमसी और श्रीनगर के एसकेआईएमएस अस्पताल सहित 21 अस्पतालों को शामिल किया है।
Edited By: Navin Rangiyal

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