आग लगने पर क्या करें, कैसे बचाएं अपनी और दूसरों की जान

वृजेन्द्रसिंह झाला
आग कहीं भी और कभी भी लग सकती है। लेकिन, सतर्कता रखी जाए तो जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। हादसों को टाला जा सकता है। खासकर गर्मियों के मौसम में तापमान अधिक होने के कारण आग की घटनाएं ज्यादा होती हैं। 
 
आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. अनिकेत साने ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि यूं तो आग कहीं भी घर, दफ्तर, मॉल आदि में लग सकती है, लेकिन घर पर संसाधन बहुत सीमित होते हैं। अग्निशामक यंत्र घरों में नहीं लगाए जाते। दरअसल, आग ऑक्सीजन की उपस्थिति से ही फैलती है। ऐसे में सबसे पहले उसको डिसकनेक्ट करना चाहिए। इसके लिए आप गीला कंबल आग की जगह पर या जल रहे व्यक्ति पर रख सकते हैं। इसके अलावा आग बुझाने के लिए पानी, रेत और मिट्‍टी या गिट्‍टी की चूरी का उपयोग किया जा सकता है। अग्निशामक दल के आने तक आप ऐसा कर सकते हैं। ऐसा करके आप आपदा की तीव्रता को कम कर सकते हैं। 
देनी चाहिए पीसीआर : साने कहते हैं कि यदि आग धुएं से किसी व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो उसे घटनास्थल से तत्काल बाहर लाएं। जब तक मेडिकल सुविधा न मिले, उसे सीपीआर देनी चाहिए। दरअसल, सामान्य जानकारी से जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। 
 
आग बुझाने के अलग-अलग तरीके : आग बुझाने से पहले यह समझना जरूरी है कि आग किस श्रेणी की है। अन्यथा हमारे किसी भी एक्शन से आग कम होने के बजाय और भड़क सकती है। आग को 5 कैटेगरी में बांटा जाता है। ए श्रेणी में कपड़े, रबर, रद्दी, गत्ते आदि में आग लगती है तो इसे पानी और ड्राय केमिकल्स की मदद से बुझाया जाना चाहिए।
 
आग कैसी-कैसी : साने कहते हैं कि पेट्रोल, केरोसिन, एसिड, सॉल्बेंट आदि में लगने वाली आग को बी श्रेणी में रखा जा सकता है। इस तरह की आग को बुझाने के मैकेनिकल फॉम और ड्राय कैमिकल का उपयोग किया जाता है। इसी तरह सीएनजी, पीएनजी, मीथेन आदि गैस में लगने वाली आग को कार्बन डाईआक्साइड और ड्राय कैमिकल की मदद से बुझाया जा सकता है।
मैटल में लगने वाली आग को डी श्रेणी में रखा जा सकता है, इसे बुझाने के लिए ड्राय कैमिकल और स्पेशल कैमिकल का उपयोग किया जाता है। ई श्रेणी यानी इलेक्टिक उपकरणों की आग में पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे आग की तीव्रता और बढ़ सकती है। 
 
क्या करें : डॉ. साने कहते हैं कि यदि हम किसी स्थान पर हैं तो सबसे पहले वहां लगे अग्निशामक यंत्रों को वैधता को जरूर चैक करें। क्योंकि वैधता समाप्त होने के बाद इनका उपयोग घातक हो सकता है। यह डिजास्टर को और बढ़ा सकता है। ऐसे में संबंधित अथॉरिटी को सूचित करें।
 
यदि कोई व्यक्ति आग से झुलस जाता है तो सबसे पहले जले हुए स्थान को गीले कंबल या गीले कपड़े से ढंकें और इसके बाद उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाएं। बर्फ का उपयोग न करें, इससे फफोले पड़ सकते हैं। साने कहते हैं कि छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर और उनका प्रयोग कर हम आपदा को कम तो कर ही सकते हैं।

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