बेंगलुरु। बेंगलुरु में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ AIMIM द्वारा आयोजित एक रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाली अमूल्या लियोन सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बनी हुई है। हर कोई 19 साल की इस लड़की के बारे जानना चाहता है।
अमूल्या मूल रूप से चिकमंगलूर की रहने वाली है। वह एक स्टूडेंट ऐक्टिविस्ट है और वह बेंगलुरु के NMKRV कॉलेज से पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही है। इससे पहले उसने सेंट नॉर्बर्ट सीबीएसई स्कूल, क्राइस्ट स्कूल मनीपाल और सेंट जोसेफ स्कूल कोप्पा में भी पढ़ाई की है।
अमूल्या सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है और सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के लिए सोशल मीडिया पर समर्थन जुटा रही है। कहा जा रहा है कि अमूल्या ने अपने भाषणों की मदद से इलाके में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में एक खास जगह बना ली थी। इस वजह से उन्हें बड़े नेताओं वाले मंचों पर भाषण देने के लिए माइक थमा दिया जाता था।
वायरल हुआ वीडियो : ओवैसी की रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली अमूल्या एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में वह कह रही हैं कि वह अकेली नहीं हैं, वह जो कहती और करती हैं, उसके लिए बहुत सारे लोग काम करते हैं। वह मात्र चेहरा हैं। बताया जा रहा है कि यह वीडियो पुराना है।
अमूल्या का मुस्लिम कनेक्शन : अमूल्या के पिता उससे पलड़ा झाड़ते हुए कहा कि वह कुछ मुस्लिमों से संपर्क में थी। इसका उसके पिता ने भी विरोध किया था लेकिन उसने उनकी बात नहीं मानी।
क्या नक्सलियों से है संबंध : अमूल्या के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं उसके संबंध नक्सलियों से तो नहीं है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
कर्नाटक के गृहमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा, हम अमूल्या की नक्सल से जुड़े होने की भी जांच कराएंगे, क्योंकि वह उस क्षेत्र से आती है, जहां काफी समय से नक्सली गतिविधि चल रही है।