महाराष्ट्र की एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी आजकल काफी चर्चा में है। ये अधिकारी पुणे में तैनात ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर हैं। हालांकि, अब पूजा (Trainee IAS Pooja Khedkar) को महाराष्ट्र के वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया है। उनकी IAS बनते ही वे विवादों में आ गई हैं।
अब उनके बारे में कई तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास करोडों की प्रापर्टी है। उनके ऊपर फर्जी सर्टिफिकेट पेश करने का भी आरोप है। जानते हैं क्या है पूजा खेड़कर की पूरी कहानी।
पूजा खेड़कर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की IAS अधिकारी हैं। पूजा ने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल की थी। जून 2023 में उन्हें बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर पुणे जिला आवंटित किया गया, लेकिन नियुक्ति के बाद से ही वह अधिकारियों से तरह-तरह की मांग करने लगी थीं, जिसके बाद उनका ट्रांसफर अब वाशिम कर दिया गया।
कैसे विवादों में घिरीं पूजा : देश के कई IAS और IPS अक्सर चर्चा में रहते हैं। कोई अपने अच्छे कामों को लेकर तो कोई विवादों में रहकर। इस समय महाराष्ट्र की एक ट्रेनी IAS पूजा खेड़कर चर्चा का विषय बनी हुई है। नौबत तो यहां तक आ गई कि पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे ने मुख्य सचिव को लेटर लिख उनकी शिकायत की, जिसके बाद पूजा का ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया। पूजा को वाशिम जिले का असिस्टेंट कलेक्टर बनाया गया है। पूजा पर आरोप है कि एक सिविल सेवा अधिकारी के रूप में वह पुणे में अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रही थीं। अब पूजा 30 जुलाई 2025 तक अपना शेष कार्यकाल वाशिम में बतौर ट्रेनी IAS पूरा करेंगी।
ट्रेनी IAS पूजा खेड़कर उस समय चर्चा में आईं, जब उन्होंने लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल सरकारी रूप में किया। यही नहीं मामले ने तब और तूल पकड़ा, जब उन्होंने प्रशासन से ऐसी सुविधाओं की मांग की, जो IAS कैडर के प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलतीं. पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे की सामान्य प्रशासन विभाग को दी गई रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेनी के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही पूजा ने अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी मुहैया कराने की मांग की थी। हालांकि उन्हें ये सुविधाएं देने से मना कर दिया गया।
ऑफिस पर किया कब्जा : पूजा खेड़कर को एक अटैच्ड बाथरूम के साथ एक VIP आवास दिया गया, लेकिन पूजा की मांग थी कि पूरी बिजली फिटिंग को बदलकर नई फिटिंग की जाए। ऑफिस में उनका केबिन मुख्य कलेक्टर कक्ष के बगल में हो. यही नहीं आरोप है कि पूजा खेड़कर ने अपर कलेक्टर अजय मोरे की अनुमति के बिना उनके कक्ष से सोफा, टेबल और कुर्सियां कर्मचारियों से हटवा कर उस पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उस कमरे में खुद की नेम प्लेट भी लगाई. यही नहीं लेटरहेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, इंटरकॉम तक इशू करा लिया। यह आदेश खुद पूजा खेड़कर ने जारी किया।
सर्टिफिेकेट पर विवाद : पूजा खेड़कर पर ये भी आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए भी कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और OBC प्रमाण पत्र पेश किया था। इसी के साथ उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी दिया था। अप्रैल 2022 में पूजा को अपने विकलांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए दिल्ली के एम्स में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोरोना होने का दावा करते हुए ऐसा नहीं किया।
क्या राजनीतिक हस्तक्षेप था : UPSC परीक्षा देते समय पूजा खेड़कर ने जो प्रमाण पत्र दिया था, वह आंशिक रूप से अंधे होने का था, लेकिन बाद में मेडिकल टेस्ट के दौरान पूजा खेड़कर अलग-अलग कारण बताकर छह बार अनुपस्थित रहीं। मेडिकल जांच के दौरान MRI करने की भी कोशिश की गई, लेकिन पूजा ने उसे कराने से भी इनकार कर दिया। बाद में उन्होंने स्वयं एक MRI सेंटर की रिपोर्ट पेश की। UPSC द्वारा इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद उनके चयन को चुनौती दी गई। जानकारी के मुताबिक, फैसला पूजा खेड़कर के खिलाफ फैसला सुनाया गया, लेकिन फिर सर्टिफिकेट को देखते हुए खेड़कर की नियुक्ति कैसे वैध थी, क्या इसके पीछे राजनीतिक हस्तक्षेप था? बहुत सारे प्रश्न हैं, जिनके जवाब अभी तक नहीं मिले हैं।
Edited By: Navin Rangiyal