संविधान निर्माता डॉ. आंबडेकर पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद संसद में संग्राम मचा है। गुरुवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद परिसर में बीजेपी और विपक्षी सांसदों में धक्क मुक्की हो गई, जिसमें सत्तापक्ष के 2 सांसद प्रताप सांरगी औप मुकेश राजपूत घायल हो गए। प्रताप सारंगी की आंख में चोट लगी है। दोनों RML अस्पताल में एडमिट हैं। पीएम मोदी को मुकेश राजपूत और प्रताप सांरगी के मामले की जानकारी दी गई है।
प्रताप सारंगी ने कहा, राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया जो मेरे ऊपर गिर गया जिसके बाद मैं नीचे गिर गया। मैं सीढ़ियों के पास खड़ा था जब राहुल गांधी आए और एक सांसद को धक्का दिया जो मेरे ऊपर गिर गया। उनके आरोपों पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं अंदर जा रहा था, बीजेपी सांसद मुझे धमका रहे थे। उन्होंने मुझे धक्का दिया, लेकिन धक्का मुक्की से हमें कुछ होता नहीं है। कांग्रेस का आरोप है कि प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बीजेपी सांसदों ने धक्का मुक्की की है।
कौन हैं प्रताप सारंगी : प्रताप चंद्र सारंगी का जन्म 4 जनवरी 1955 को बालासोर जिले के नीलगिरि गांव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम गोबिंदा चंद्र सारंगी था। नीलगिरि के फकीर कॉलेज से उन्होंने स्नातक की डिग्री ली है। बचपन से ही उनका रूझान आध्यात्म की तरफ था। साधु बनने के लिए कई बार रामकृष्ण मठ गए। वहां से उन्हें यह कहकर वापस लौटा दिया गया कि उनकी मां जिंदा हैं, उन्हें उनकी सेवा करनी चाहिए। अपनी मां के निधन के बाद से सारंगी अकेले रहते हैं।
ऐसे हुई राजनीति में एंट्री : सारंगी शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। उन्होंने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल में भी काम किया है। वो बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। बाद में वो बीजेपी में शामिल हो गए। वे 2004 और 2009 में नीलगिरि से दो बार विधायक चुने गए थे। बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बालासोर लोकसभा सीट से मैदान में उतरा था। इस चुनाव में सारंगी को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी ने 2019 के चुनाव में एक बार फिर सारंगी पर भरोसा जताया। इस बार वो अपनी पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए जीत दर्ज की। उन्होंने इस बीजेडी के उम्मीदवार रबींद्र कुमार जेना को 12 हजार 956 वोटों से मात दी।
Edited by Navin Rangiyal