प्रख्यात पर्यावरणविद ने बताया, जोशीमठ की तबाही के लिए कौन है जिम्मेदार?

एन. पांडेय
शुक्रवार, 13 जनवरी 2023 (11:48 IST)
जोशीमठ। प्रख्यात पर्यावरणविद डॉ. रवि चोपड़ा ने NTPC और LNT के आंकड़ों के आधार पर लिखे गए एक शोध पत्र के हवाले से कहा कि आज जोशीमठ में जो कुछ भी घटित हो रहा है, उसका सीधा संबंध अतीत में NTPC के कामों से है।
 
उन्होंने कहा कि 2009 में तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना में टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) के फंसने के साथ ही पानी के स्रोत में छेद होने से पानी का रिसाव हुआ। उस पानी के दबाव के चलते नई दरारें चट्टानों में बनी और पुरानी दरारें और चौड़ी हो गई। इसी के कारण टनल के अंदर से पानी का बाहर भी रिसाव हुआ। वे चट्टानें बहुत ही कमजोर और संवेदनशील हैं। उस वक्त कंपनी को उपचार के उपाय सुझाए गए थे, लेकिन उन सुझावों पर कार्यवाही नहीं हुई।
 
डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि इस सब को पढ़ कर वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि टनलिंग (सुरंग बनाने की प्रक्रिया) की वजह से यहां के भूजल के तंत्र पर प्रभाव पड़ा। टनल में पानी का जितना रिसाव हुआ, उससे कई गुना अधिक पानी 07 फरवरी 2021 को सुरंग में घुसा। उससे चट्टानों में नई दरारें बनी और पुरानी दरारें चौड़ी हो गयी, जिसका प्रभाव अत्याधिक व्यापक होगा। इस बात को कहने के पर्याप्त आधार हैं कि हम आज जो झेल रहे हैं, वह NTPC की सुरंग निर्माण प्रक्रिया का परिणाम है।
 
उन्होंने कहा कि नियंत्रित विस्फोट करने का NTPC का दावा खोखला है क्योंकि साइट पर विस्फोट करते समय कोई वैज्ञानिक नहीं बल्कि ठेकेदार रहता है, जो अपना काम खत्म करने की जल्दी में होता है।
 
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने सिलसिलेवार तरीके से बताया कि पिछले 14 महीने से संघर्ष समिति  निरंतर सरकार को जोशीमठ पर मंडराते खतरे के प्रति आगाह कर रही थी। इसके लिए प्रशासन के जरिये सरकार को ज्ञापन भिजवाए, स्वयं पहल करके भू वैज्ञानिकों से सर्वे करवाया, सरकार की विशेषज्ञ कमेटी के सर्वे में भी सहयोग किया।
 
आपदा प्रबंधन सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक से बात की, लेकिन किसी ने स्थितियों के बिगड़ने तक मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना के लिए हुए सर्वे से पहले ही वे जिस बात की आशंका प्रकट कर रहे थे और इस मामले में 2003 में वे भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिख चुके थे, आज वे आशंकाएं सच सिद्ध हुई हैं।
 
उन्होंने कहा कि 2009 में सुरंग से रिसाव के बाद जोशीमठ के पानी के लिए 16 करोड़ रुपए की व्यवस्था के अलावा घरों का बीमा करना भी एनटीपीसी ने करने का लिखित समझौता किया था, जो इस बात की स्वीकारोक्ति थी कि एन टी पी सी की परियोजना से जोशीमठ को नुकसान पहुंच सकता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख