नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण ईंधन के साथ ही वैश्विक स्तर पर अन्य कमोडिटी की कीमतों में आई तेजी से इस वर्ष मार्च में देश में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित थोक महंगाई बढ़कर 14.55 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि फरवरी 2022 में यह 13.11 प्रतिशत पर रही थी।
मार्च 2021 में यह महंगाई 7.89 प्रतिशत रही थी। करीब एक साल से थोक महंगाई दो अंकों में बनी हुई है और फिलहाल इसमें कमी की उम्मीद नहीं की जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मासिक आधार पर खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई फरवरी 2022 के 8.47 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 8.71 प्रतिशत पर पहुंच गई।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च महीने में सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों में नरमी रही जबकि ईंधन और बिजली के दामों में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सब्जियों की महंगाई फरवरी में 26.93 प्रतिशत जो मार्च में घटकर 19.88 प्रतिशत पर आ गई।
अन्य खाद्य पदार्थों में भी नरमी रही है और यह फरवरी 2022 की 8.19 प्रतिशत से घटकर मार्च में 8.06 पर आ गई। मार्च में ईंधन और बिजली फरवरी 2022 के 31.50 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 34.52 प्रतिशत पर पहुंच गई।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इसका असर घरेलू बाजार पर भी दिखा है। फरवरी 2022 में इसकी महंगाई 55.17 प्रतिशत थी जो मार्च में बढ़कर 83.56 प्रतिशत हो गई है।
अन्य क्षेत्रों जैसे प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर 13.39 फीसदी से बढ़कर 15.54 फीसदी, विनिर्मित उत्पादों की महंगाई 9.84 से बढ़कर 10.71 फीसदी और कमोडिटी सूचकांक में 2.69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इन आंकड़ों के मुताबिक, देश में थोक महंगाई दर पहले के अनुमान से भी अधिक रही है।(वार्ता)