अहमद पटेल को क्यों कहा जाता था कांग्रेस का संकटमोचक...

Webdunia
बुधवार, 25 नवंबर 2020 (10:40 IST)
नई दिल्ली। वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे 71 वर्ष के थे। अहमद पटेल को कांग्रेस का संकटमोचक कहा जाता था और उन्होंने कांग्रेस को कई बार संकटों से निकालकर इस बात को साबित भी किया था।

ALSO READ: वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल का निधन, कोरोनावायरस से लड़ रहे थे जंग
कई मौकों पर अहमद पटेल ने कांग्रेस, यूपीए सरकार और सोनिया गांधी को संकट से निकालने में बड़ी भूमिका निभाई। कई बार उन्होंने अपनी रणनीति से भाजपा के दिग्गजों को मात दी। पटेल ने अपनी रणनीति और प्रबंधन कौशल से कई कठिन लड़ाईयां जीती लेकिन वे लगभग 1 माह तक संघर्ष के बाद कोरोना से जंग हार गए।
 
कुछ माह पहले की ही बात है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने का बाद सचिन पायलट भी अचानक पार्टी से नाराज हो गए। यह माना जा रहा था कि पायलट भी पार्टी छोड़ देंगे और राजस्थान की अशोक गेहलोत सरकार गिर जाएगी। लेकिन पर्दे की पीछे से अहमद पटेल ने ऐसा खेल दिखाया कि पायलट की नाराजगी दूर हो गई, अशोक गेहलोत सरकार को सभी कांग्रेसी विधायकों का साथ मिला और राज्य में सरकार बच गई।

ALSO READ: अहमद पटेल: गांधी परिवार के बाद कांग्रेस का सबसे ताक़तवर शख़्स
नेहरू-गांधी परिवार के वफादार रहे पटेल ने संसद में 7 बार गुजरात का प्रतिनिधित्व किया है। वे भरुच से 3 बार लोकसभा सदस्य चुने गए और 4 बार राज्यसभा सदस्य बने। 2017 में उनके लिए 5वीं बार राज्यसभा में जगह बनाने की राह सबसे चुनौतीपूर्ण रही। पटेल ने 44 मत हासिल करके बलवंतसिंह राजपूत को शिकस्त दी।

इस चुनाव में करीब 7 घंटे की मशक्कत के बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस की मांग को मानते हुए कांग्रेस के दो बागी विधायकों राधव भाई पटेल और भोला भाई गोहिल के वोट रद्द कर दिए थे। इसे अहमद पटेल की अमित शाह पर जीत माना गया।
 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अहमद पटेल के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पटेल एक ऐसे कामरेड, निष्ठावान सहयोगी और मित्र थे जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता। सोनिया ने यह भी कहा कि पटेल का पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित था।

अहमद पटेल कांग्रेसियों के लिए क्या थे, इसका जवाब कांग्रेस नेता दिग्विजयसिंह के इस ट्वीट से भी मिलता है। उन्होंने कहा कि अहमद पटेल नहीं रहे। एक अभिन्न मित्र विश्वसनीय साथी चला गया। हम दोनों सन् 77 से साथ रहे। वे लोकसभा में पहुंचे मैं विधान सभा में। हम सभी कांग्रेसियों के लिए वे हर राजनैतिक मर्ज की दवा थे। मृदुभाषी, व्यवहार कुशल और सदैव मुस्कुराते रहना उनकी पहचान थी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold : सोना होने वाला है सस्ता, जानिए किन कारणों से गिर सकते हैं दाम

ईदगाह और हामिद का चिमटा... Waqf की बहस में क्यों हुआ प्रेमचंद की इस कहानी का जिक्र?

बला की खूबसूरत हैं थाईलैंड की 38 साल की प्रधानमंत्री, PM मोदी के साथ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल

EPFO क्लेम प्रोसेस को सरकार ने बनाया और भी आसान, इन परेशानियों से मिलेगी मुक्ति

क्या बदलेगा वक्फ कानून को लेकर, 8 पॉइंट्‍स से समझिए

सभी देखें

नवीनतम

रात 2 बजे मणिपुर पर राज्यसभा में क्या बोले अमित शाह, शशि थरूर बोले देर से ही सही, कभी नहीं से बेहतर

भारत पर कितना होगा ट्रम्प के टैरिफ वॉर का असर, 5 सवालों से समझिए

बांग्लादेश की मुराद पूरी, बैंकॉक में पीएम मोदी से मिले मुहम्मद यूनुस

भारतीय विदेश मंत्रालय का बांग्लादेश से अनुरोध, अल्पसंख्यकों से संबंधित घटनाओं की करे गहन जांच

जल गंगा संवर्धन अभियान – जनशक्ति से जलसंरक्षण की क्रांति

अगला लेख